उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों की कुछ हरकतों के कारण विभाग को कई बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, और इसके परिणामस्वरूप अक्सर कार्रवाई भी की जाती है। कभी पुलिसकर्मी शराब के नशे में दिखाई देते हैं, तो कभी वे राजनीतिक नेताओं के साथ अत्यधिक मेलजोल और उनकी खातिरदारी करते हुए दिखाई देते हैं। इसी कड़ी में, हाल ही में एक पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के एक कार्यक्रम में पार्टी के पक्ष में जयकारे लगाता हुआ दिख रहा है। यह वीडियो हरदोई जिले का बताया जा रहा है और अब यह स्थानीय और राज्य स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो भाजपा के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन के स्वागत समारोह का है, जो हरदोई जिले में आयोजित हुआ था। समारोह के दौरान मंच पर कई लोग मौजूद थे, जो जिलाध्यक्ष का स्वागत करते हुए उन्हें फूल-मालाएं पहना रहे थे। इस समारोह में एक पुलिसकर्मी भी मंच पर खड़ा था, जो पूरी तरह से जोश और उत्साह के साथ "अजीत सिंह बब्बन जिंदाबाद" के नारे लगाता हुआ दिखाई दे रहा है।
इस वीडियो में यह पुलिसकर्मी पूरी तरह से वर्दी में नजर आ रहा है और पार्टी के समर्थन में नारेबाजी कर रहा है। हालांकि, हिंदुस्तान इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस विभाग में हलचल मच गई।
वीडियो वायरल होने के बाद, पुलिस विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। एसपी नीरज कुमार जादौन ने जानकारी दी कि उक्त पुलिसकर्मी भाजपा के जिलाध्यक्ष की सुरक्षा में तैनात था, और उसकी इस हरकत को गंभीरता से लेते हुए उसे तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है। वीडियो में पुलिसकर्मी को नारे लगाते हुए देखा जा सकता है, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। इस घटना ने पुलिस विभाग की निष्पक्षता और उसके कार्यों पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि पुलिस का काम हर परिस्थिति में निष्पक्ष रहकर कानून का पालन कराना होता है, न कि किसी राजनीतिक दल का पक्ष लेना।
समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि पुलिसकर्मी इस तरह खुलेआम किसी राजनीतिक दल के पक्ष में नारेबाजी करेगा, तो आम जनता पुलिस से निष्पक्ष और निष्कलंक न्याय की उम्मीद कैसे कर सकती है? स्थानीय नेताओं ने मांग की है कि इस मामले की तुरंत और पारदर्शी जांच की जाए और दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उनका यह भी कहना था कि पुलिस विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और आम जनता का विश्वास बना रहे।
इस घटना ने फिलहाल हरदोई जिले में और राज्यभर में चर्चा का माहौल बना दिया है, और लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिसकर्मी अब केवल कानून के रखवाले बने रहेंगे या राजनीतिक गतिविधियों में भी शामिल होने लगे हैं? वीडियो की सच्चाई और उसके संबंधित विभागीय कार्रवाई को लेकर अब दबाव बढ़ता जा रहा है।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह वीडियो कब और कहां का है, लेकिन इसकी जांच जारी है और सभी संबंधित पक्षों से रिपोर्ट मांगी जा रही है।
इस मुद्दे पर अब राजनीतिक, प्रशासनिक और सोशल मीडिया के विभिन्न पहलुओं से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इस वीडियो की जांच को लेकर विभागीय अधिकारियों ने कहा कि किसी भी तरह की गलत गतिविधि को लेकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इस मामले की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जाएगी। अब देखना यह है कि पुलिस विभाग इस घटना पर क्या कदम उठाता है और क्या यह भविष्य में पुलिसकर्मियों की राजनीतिक निष्पक्षता को लेकर कोई नई नीति या दिशा-निर्देश जारी करेगा।