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NIA-RAW की प्लानिंग और SWAT की निगरानी: तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण मिशन शुरू

 10 Apr 2025

2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक, तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की संयुक्त टीम बुधवार सुबह उसे एक विशेष विमान से दिल्ली लेकर पहुंच रही है। विमान किसी भी वक्त दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है। इस प्रत्यर्पण प्रक्रिया में NIA की DIG जया रॉय की प्रमुख भूमिका रही। उन्होंने मंगलवार को राणा के सरेंडर वारंट पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज़ हुई। बुधवार सुबह लगभग 6:30 बजे भारतीय टीम उसे लेकर अमेरिका से रवाना हुई। इस टीम का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते कर रहे हैं, जो 2008 में मुंबई हमले के समय मुंबई क्राइम ब्रांच में तैनात थे। दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, SWAT कमांडो, CAPF और स्थानीय पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है।


एनआईए की हिरासत और कोर्ट में पेशी

भारत पहुंचने के बाद तहव्वुर राणा को आधिकारिक रूप से NIA अपनी हिरासत में लेगी। सुरक्षा कारणों के चलते उसे सीधा NIA मुख्यालय लाया जाएगा, जहां हाई लेवल सुरक्षा व्यवस्था की गई है। संभावना है कि उसे पटियाला हाउस कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश किया जाएगा। इससे पहले मेडिकल परीक्षण अनिवार्य होगा। राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी वॉर्ड में रखा जाएगा। जेल प्रशासन को पहले ही विशेष निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इस मामले में केंद्र सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है, जो इस केस की ट्रायल अवधि तक अपनी सेवाएं देंगे।

तहव्वुर राणा: कौन है ये आरोपी?

तहव्वुर हुसैन राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। उसने पाकिस्तान की सेना में डॉक्टर के रूप में 10 साल सेवा दी, लेकिन बाद में यह नौकरी छोड़ दी। वर्तमान में वह कनाडा का नागरिक है, हालांकि शिकागो (अमेरिका) में उसका व्यवसाय है। अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, तहव्वुर राणा ने कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्रा की है और उसे लगभग सात भाषाओं का ज्ञान है। वर्ष 2006 से लेकर नवंबर 2008 तक वह पाकिस्तान में डेविड हेडली और अन्य के साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों की साजिश रच रहा था। उसने लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी जैसे आतंकी संगठनों की मदद की और मुंबई हमले की योजना में अहम भूमिका निभाई। 

26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने मुंबई में सुनियोजित आतंकी हमला किया था। हमले में 166 लोगों की मौत हुई और 300 से अधिक लोग घायल हुए। इस आतंकी हमले को रोकने के लिए 200 NSG कमांडो, 50 सेना के जवान और नौसेना की टुकड़ियों को तैनात किया गया था। तीन दिन तक चले इस ऑपरेशन ने पूरे देश को झकझोर दिया था।