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राहुल गांधी का दो टूक बयान– ‘जाति जनगणना ज़रूरी, वक्फ कानून देश की आत्मा के खिलाफ’
09 Apr 2025

गुजरात के अहमदाबाद में चल रहे कांग्रेस के दो दिवसीय अधिवेशन के अंतिम दिन पार्टी सांसद राहुल गांधी ने संगठन के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने जाति जनगणना, अग्निवीर योजना, बांग्लादेश नीति, अमेरिकी टैरिफ और भारतीय संस्थाओं पर कब्जे जैसे कई अहम मुद्दों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखे प्रहार किए।
जाति जनगणना पर दोहराई प्रतिबद्धता, तेलंगाना मॉडल का किया ज़िक्र
राहुल गांधी ने एक बार फिर जाति आधारित जनगणना की मांग को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने बताया कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा करवाई गई जाति जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है।
उन्होंने कहा,
“कुछ महीने पहले मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि क्या देश में जाति जनगणना करवाई जाएगी। पीएम और आरएसएस ने इससे साफ इनकार कर दिया, क्योंकि वे नहीं चाहते कि यह सामने आए कि अल्पसंख्यकों को देश में कितनी हिस्सेदारी मिलती है।”
राहुल ने दावा किया कि तेलंगाना में 90% आबादी ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यकों की है, लेकिन मालिकों, सीईओ और प्रबंधन स्तर पर उनकी कोई भागीदारी नहीं है।
“हमने वहां ओबीसी आरक्षण को 42% तक पहुंचाया है। यही मॉडल हम पूरे देश में लागू करेंगे।” राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जो युवा अग्निवीर बनकर देश की सेवा करते हैं, उन्हें न शहीद का दर्जा दिया जाता है और न ही पेंशन।
“जब अग्निवीर युद्ध में शहीद होता है, तो सरकार कहती है – पेंशन नहीं मिलेगी। क्या यह सही है? यह योजना सीधे तौर पर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के खिलाफ है।”
राहुल गांधी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के भारत-विरोधी बयानों को लेकर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।
“बांग्लादेश के नेता भारत के खिलाफ बयान दे रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी उनसे मिलते हैं, लेकिन उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता। कहां गई 56 इंच की छाती?”
इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ का भी मुद्दा उठाया।
“मोदी जी कभी ट्रंप से गले मिलते थे, अब जब ट्रंप टैरिफ लगाते हैं, तब एक शब्द नहीं बोलते। संसद में ड्रामा करके जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है।”
"वक्फ संशोधन बिल संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि हाल ही में लोकसभा में पास किया गया वक्फ संशोधन विधेयक देश के संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर सीधा हमला है। उन्होंने इस बिल को "धर्म विरोधी" करार देते हुए कहा कि यह हर नागरिक के अधिकारों के लिए खतरे की घंटी है।
राहुल गांधी ने कहा कि यह केवल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि देश की धर्मनिरपेक्ष आत्मा के खिलाफ एक सुनियोजित हमला है। उन्होंने आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गनाइज़र' में छपे एक लेख का हवाला देते हुए दावा किया कि उसमें खुले तौर पर ईसाई समुदाय पर हमले की बात कही गई है।
उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक विधेयक नहीं है, बल्कि एक ऐसी सोच का प्रतिबिंब है जो हमारे संविधान की मूल भावना को ही नकारती है। हम इसे संसद और सड़क दोनों जगहों पर चुनौती देंगे।"
संविधान और संस्थाओं पर खतरा: भाजपा-आरएसएस पर गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर संविधान और संस्थागत स्वतंत्रता पर हमले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि देश का पूरा धन दो-तीन लोगों को दिया जाएगा। न ही ये लिखा है कि सभी वाइस चांसलर आरएसएस से होंगे। वे संस्थाओं पर कब्जा करके, आपका पैसा अडाणी-अंबानी को देना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “जिस दिन संविधान बना था, उस दिन आरएसएस ने रामलीला मैदान में संविधान को जलाया था। वर्षों तक तिरंगे को सलाम नहीं किया। यही वह विचारधारा है, जिसके खिलाफ कांग्रेस आज भी लड़ रही है।”