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पेट्रोल-डीजल पर ₹2 प्रति लीटर का अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, लेकिन कीमतें रहेंगी स्थिर

 07 Apr 2025

सरकार ने सोमवार को एक अहम फैसला लेते हुए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में दो-दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। हालांकि, इस बढ़ोतरी को लेकर आम उपभोक्ताओं को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इससे खुदरा कीमतों यानी आम जनता द्वारा पेट्रोल पंप पर चुकाई जाने वाली राशि में कोई इजाफा नहीं होगा। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है और अमेरिका द्वारा लगाए गए संभावित जवाबी टैरिफ से अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर असर पड़ सकता है। पेट्रोल और डीजल पर संशोधित उत्पाद शुल्क 8 अप्रैल, 2025 से लागू होगा।


आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक, अब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर ₹13 प्रति लीटर कर दिया गया है, जबकि डीजल पर यह शुल्क ₹10 प्रति लीटर निर्धारित किया गया है। पहले की तुलना में यह बढ़ोतरी ₹2 प्रति लीटर की है, जो केंद्र सरकार की राजस्व बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।इस अधिसूचना के जारी होने के बाद शुरू में यह भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी कि पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतें भी बढ़ जाएंगी, जिससे आम उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ पड़ सकता है। 


लेकिन कुछ ही समय बाद स्थिति स्पष्ट की गई कि इस उत्पाद शुल्क वृद्धि को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से संतुलित किया जाएगा। तेल विपणन कंपनियां (OMCs) खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी की बजाय, वैश्विक बाजार से सस्ती दरों पर मिल रहे कच्चे तेल के लाभ से इस टैक्स वृद्धि को समायोजित करेंगी। उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि इससे न तो उपभोक्ताओं को अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा और न ही तेल कंपनियों के मुनाफे पर बड़ा असर पड़ेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने यह कदम राजस्व संग्रह को बढ़ावा देने के लिए उठाया है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और व्यापारिक दबाव बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि आम आदमी की जेब पर इसका असर न पड़े।