कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने सोमवार को बेंगलुरु में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान दिया, जो अब चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि "बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में इस तरह की घटनाएं यहां-वहां होती रहती हैं," लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि पुलिस की सतर्कता और निरंतर गश्त के चलते शहर में शांति बनी हुई है। गृहमंत्री एक हालिया छेड़छाड़ की घटना पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जो शहर के सुड्डागुंटेपल्या इलाके में हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, 4 अप्रैल की रात भारती लेआउट में दो महिलाएं मॉर्निंग वॉक पर थीं, जब एक अज्ञात व्यक्ति ने उनमें से एक को दीवार की ओर धकेलकर छेड़छाड़ की और फिर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने घटना का संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जी. परमेश्वर ने कहा, “जब इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो यह स्वाभाविक है कि वे जनता का ध्यान आकर्षित करती हैं। हालांकि, हमारी पुलिस टीम दिन-रात, बारिश और ठंड की परवाह किए बिना काम कर रही है। यही कारण है कि शहर में कानून व्यवस्था बनी हुई है।”
उन्होंने बताया कि वे नियमित रूप से पुलिस आयुक्त बी. दयानंद को सतर्कता बनाए रखने, गश्त प्रणाली को प्रभावी बनाने और निगरानी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश देते रहते हैं। मंत्री ने कहा,
“मैंने पुलिस आयुक्त से कहा है कि हर क्षेत्र में अनुशासित और प्रभावी गश्त होनी चाहिए। बीट सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाया जाना जरूरी है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके अनुसार 4 अप्रैल की रात लगभग 1:52 बजे बेंगलुरु के बीटीएम लेआउट में दो युवतियों के साथ छेड़छाड़ की गई। वायरल वीडियो में घटना के बाद दोनों लड़कियां रोती और चीखती हुई दिखाई दे रही हैं, जिससे मामले की गंभीरता और डरावने हालात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
बेंगलुरु पुलिस ने वीडियो को संज्ञान में लेते हुए कहा है कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही दोषियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने जनता से संयम बरतने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर के हालिया बयान ने सोशल मीडिया और स्थानीय जनता के बीच नाराज़गी की लहर पैदा कर दी है। मंत्री ने बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में "ऐसी घटनाएं होती रहती हैं" कहकर छेड़छाड़ जैसे गंभीर अपराध को सामान्य बताने की कोशिश की, जिसे लेकर उनकी तीखी आलोचना हो रही है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह की टिप्पणी निंदनीय और असंवेदनशील है। लोगों ने गृह मंत्री से सार्वजनिक माफ़ी मांगने की मांग की है।