अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति उद्योगपति एलन मस्क के खिलाफ शनिवार को अमेरिका के सभी 50 राज्यों में ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। CNN की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में करीब 1,400 से अधिक रैलियां आयोजित की गईं, जिनमें लाखों नागरिकों ने हिस्सा लिया। इन प्रदर्शनों के लिए पहले से 6 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया था। प्रदर्शनकारी मुख्यतः सरकारी नौकरियों में कटौती, अर्थव्यवस्था की दिशा, और मानवाधिकारों से जुड़ी नीतियों का विरोध कर रहे थे।
इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन को "हैंड्स ऑफ" नाम दिया गया है, जिसका अर्थ है – हमारे अधिकारों से दूर रहो। यह नारा स्पष्ट रूप से प्रदर्शनकारियों की उस भावना को दर्शाता है जिसमें वे अपने संवैधानिक अधिकारों और स्वतंत्रता में किसी भी हस्तक्षेप को अस्वीकार कर रहे हैं। इस विशाल विरोध प्रदर्शन में 150 से अधिक संगठनों ने भाग लिया, जिनमें सिविल राइट्स ग्रुप्स, श्रमिक संघ, LGBTQ+ वॉलंटियर्स, पूर्व सैनिक संगठन और चुनावी कार्यकर्ता शामिल थे।
एलन मस्क का दावा: "सरकारी खर्च घटाना ज़रूरी"
गौरतलब है कि एलन मस्क वर्तमान में ट्रम्प सरकार के तहत "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी" के प्रमुख हैं। उनका तर्क है कि सरकारी तंत्र को छोटा करने से अमेरिकी टैक्सपेयर्स के अरबों डॉलर की बचत होगी। वहीं, व्हाइट हाउस ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर जैसी योजनाओं के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाया है कि वे इन लाभकारी योजनाओं का उपयोग अवैध अप्रवासियों के हित में करना चाहते हैं।
व्यापार नीति पर ट्रंप सख्त, भारत समेत 60 देशों पर टैरिफ
ट्रंप प्रशासन की सख्त व्यापार नीतियों के तहत 2 अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रंप ने "रेसिप्रोकल टैक्स" लगाने की घोषणा की। इस नीति के तहत अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाया जाएगा। भारत पर 26%, चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, दक्षिण कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगाया गया है।
इस मौके पर ट्रंप ने कहा, “भारत बहुत सख्त व्यवहार करता है। प्रधानमंत्री मोदी मेरे अच्छे मित्र हैं, लेकिन भारत हमारे साथ वैसा व्यवहार नहीं कर रहा जैसा हमें मिलना चाहिए।”
इस नई नीति के तहत अमेरिका ने करीब 60 देशों पर उनके मौजूदा टैरिफ की तुलना में कम से कम आधे दर से टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, ताकि व्यापार असंतुलन को सुधारा जा सके और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिल सके।