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योगी ने विपक्ष को घेरा, बोले- वक्फ संपत्तियां अब जनहित में इस्तेमाल होंगी

 05 Apr 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में संसद से पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का समर्थन करते हुए इसे एक ऐतिहासिक और जनहितकारी कदम बताया है। उन्होंने कहा कि अब वक्फ बोर्ड के नाम पर सार्वजनिक या राजस्व भूमि पर अवैध कब्जा नहीं हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी संपत्तियों का उपयोग अब शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबों के लिए आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अब कोई भी वक्फ बोर्ड के नाम पर जमीन नहीं लूट सकता। सार्वजनिक संपत्ति और राजस्व भूमि का उपयोग अब स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और गरीबों के लिए मकान बनाने जैसे लोकहितकारी उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।”

प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह को कहा धन्यवाद

सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह विधेयक एक लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड के नाम पर लाखों एकड़ जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया था, जिसे अब विधिक दायरे में लाया जा सकेगा। "उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड अवैध रूप से भूमि कब्जाने का जरिया बन गया था। यह विधेयक उस प्रक्रिया को खत्म करेगा और जमीनों का सही उपयोग सुनिश्चित करेगा।"

हालांकि, इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार की तीखी आलोचना की है। कांग्रेस, एआईएमआईएम और अन्य विपक्षी पार्टियों ने विधेयक को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ बताते हुए इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। उनका कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के स्वामित्व को कमजोर कर सकता है।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी जताई चिंता

बिहार के राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने भी इस संदर्भ में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि जब वह उत्तर प्रदेश में मंत्री थे और वक्फ विभाग को संभाल रहे थे, तो उन्होंने देखा कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े कई विवाद संपत्ति स्वामित्व को लेकर ही थे। “लोग कहते थे कि यह उनकी नहीं, अल्लाह की संपत्ति है। लेकिन इन संपत्तियों के उपयोग में पारदर्शिता नहीं थी। वक्फ संपत्तियों का मूल उद्देश्य था जनकल्याण — लेकिन समय के साथ यह मकसद पीछे छूट गया।” 

लोकसभा में विधेयक को 288 सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ, वहीं राज्यसभा में यह 128 मतों से पारित हुआ। अब यह विधेयक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद अधिनियम का रूप लेगा। इस संशोधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 की खामियों को दूर करना है। इसमें वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, प्रबंधन और निगरानी की प्रक्रिया को तकनीकी और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है। साथ ही, वक्फ बोर्डों की जवाबदेही और कार्यक्षमता को भी सुदृढ़ करने का लक्ष्य रखा गया है।