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वक्फ संशोधन पर रविशंकर प्रसाद का वार – "विपक्ष संविधान को selective तरीके से पेश कर रहा है"
02 Apr 2025

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ सांसद रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान विपक्ष की कड़ी आलोचना की। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह संविधान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है और अपने तर्कों को सही साबित करने के लिए केवल चुनिंदा हिस्सों को उद्धृत कर रहा है। प्रसाद ने विपक्ष के इस रुख पर सवाल उठाया कि वक्फ विधेयक संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, "यदि आप कानून के किसी हिस्से को उद्धृत करते हैं, तो कृपया सुनिश्चित करें कि आप उसे पूरी तरह से उद्धृत करें।" उन्होंने आगे कहा कि संविधान वक्फ संपत्तियों की रक्षा और हाशिए के समुदायों के उत्थान का समर्थन करता है। विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "जब भी कोई विषय आता है, वे अपनी ‘लाल किताब’ देखते हैं, लेकिन हम ‘संविधान की हरी किताब’ लेकर आए हैं, जिसे संसद में रखा गया है।"
प्रसाद ने यह भी कहा कि विपक्ष खुद यह तय नहीं कर पा रहा कि उसे वक्फ बिल के संशोधन का समर्थन करना चाहिए या विरोध। उन्होंने विपक्ष की अस्पष्टता पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके विरोध का कोई ठोस आधार नहीं है। बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रसाद ने जोर देकर कहा कि विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पिछड़े मुसलमानों की भागीदारी बढ़ाना है। उन्होंने कहा, "बिहार और उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में पिछड़े मुसलमान रहते हैं, जिन्हें वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में कोई अधिकार नहीं मिलता। अगर यह विधेयक उन्हें प्रतिनिधित्व देने के लिए लाया गया है, तो विपक्ष को इससे क्या समस्या हो सकती है?"
प्रसाद ने संविधान की धारा 25 का हवाला देते हुए कहा कि यह केवल धार्मिक स्वतंत्रता की बात नहीं करता, बल्कि उसमें आर्थिक, वित्तीय और राजनीतिक पहलुओं को विनियमित करने की भी अनुमति है। उन्होंने कहा, "अगर वक्फ की जमीन का दुरुपयोग हो रहा है, तो धारा 25 सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार देती है।" प्रसाद ने विपक्ष से आग्रह किया कि वह आधे-अधूरे तथ्य पेश करने के बजाय पूरे संदर्भ में कानूनों को पढ़े और उद्धृत करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का यह कदम संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत उठाया गया है और इसका मकसद केवल वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पिछड़े मुसलमानों को सशक्त बनाना है।