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जस्टिस वर्मा मामले पर बोले अमित शाह – ‘CJI की मंजूरी के बिना FIR नहीं हो सकती’
29 Mar 2025

जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर कथित तौर पर मिली नकदी का मामला पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। अब इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि हमें समिति के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
अमित शाह का बयान: 'समिति की जांच पूरी होने तक इंतजार करें'
शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "हमारी न्यायिक प्रणाली में जब ऐसे सवाल उठते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार जजों की एक समिति जांच करती है और फिर निष्कर्ष सार्वजनिक किए जाते हैं। हमें समिति के निर्णय का इंतजार करना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने मामले को गंभीरता से लिया है और एक समिति गठित की है, जो जांच में जुटी है। टाइम्स नाउ समिट 2025 में अमित शाह ने कहा, "समिति जांच कर रही है और उन्होंने दिल्ली पुलिस एवं फायर डिपार्टमेंट से जरूरी दस्तावेज मांगे हैं। हम उन्हें सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं और जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।"
बड़ी मात्रा में नकदी की बरामदगी को लेकर उठ रहे सवालों पर जवाब देते हुए शाह ने किसी भी तरह की विसंगति के दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया, "फायर डिपार्टमेंट के प्रमुख ने नकदी जब्ती को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। जब एफआईआर दर्ज ही नहीं हुई, तो जब्ती का सवाल ही नहीं उठता। एफआईआर केवल भारत के मुख्य न्यायाधीश की अनुमति से ही दर्ज की जा सकती है। हमें जांच समिति के निर्णय का इंतजार करना चाहिए।"
शुक्रवार को जस्टिस ए. एस. ओका की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। बेंच ने कहा कि आंतरिक जांच पूरी होने के बाद, यदि आवश्यक हुआ, तो मुख्य न्यायाधीश एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे सकते हैं। जांच कर रही तीन सदस्यीय समिति ने अब तक पांच पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज कर लिए हैं। इसके अलावा, समिति ने जस्टिस वर्मा के तीन सुरक्षाकर्मियों, दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के चीफ अतुल गर्ग और फायर सर्विस के तीन अन्य कर्मचारियों के बयान भी लिए हैं।