संभल में ईद और अन्य धार्मिक आयोजनों को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीशचंद ने स्पष्ट किया कि कोतवाली संभल क्षेत्र में ईदगाह और मस्जिदों के अंदर ही नमाज अदा की जाएगी। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सड़कों पर नमाज पढ़ने की किसी भी सूरत में अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रशासन का कहना है कि परंपरागत रूप से नमाज मस्जिद या ईदगाह में अदा की जाती रही है, इसलिए नियमों का पालन अनिवार्य होगा। यदि किसी ने नियमों का उल्लंघन किया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संभल की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने ईद और नवरात्र के मद्देनजर पीस कमेटी की बैठक आयोजित की, जिसमें दोनों समुदायों के प्रमुख लोग शामिल हुए। बैठक में एएसपी श्रीशचंद, एसडीएम वंदना मिश्रा और सीओ अनुज चौधरी ने सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
इस दौरान मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने घर की छतों पर नमाज अदा करने की अनुमति मांगी, लेकिन प्रशासन ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। एएसपी श्रीशचंद ने दोहराया कि सार्वजनिक स्थलों, सड़कों या घर की छतों पर अलविदा जुमा और ईद की नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं होगी। केवल ईदगाह और मस्जिदों के अंदर ही नमाज अदा की जा सकेगी।
सीओ अनुज चौधरी का बयान फिर सुर्खियों में
बैठक के दौरान संभल के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी का बयान चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने कहा, "अगर आप ईद की सेवई खिलाना चाहते हैं, तो आपको गुजिया भी खानी पड़ेगी।" उनका यह बयान सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखने के संदर्भ में दिया गया, लेकिन इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
यह पहली बार नहीं है जब सीओ अनुज चौधरी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में आए हैं। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि "साल में 52 दिन जुमा होता है और केवल एक दिन होली होती है। जिन्हें रंगों से परेशानी हो, वे घर में नमाज पढ़ सकते हैं।"
बैठक में सीओ अनुज चौधरी ने साफ किया कि पुलिस का उद्देश्य सिर्फ कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, न कि किसी समुदाय के खिलाफ कार्रवाई करना। उन्होंने कहा, "हमारा मकसद यही है कि शांति बनी रहे और किसी भी तरह का उपद्रव न हो।"