रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री का प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति उनके समृद्ध अनुभव और प्रशासनिक दक्षता को ध्यान में रखते हुए की गई है। उनकी यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ ही समाप्त होगी। यह पद देश के नीति निर्माण और प्रशासनिक निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और शक्तिकांत दास का चयन इस पद के लिए एक उपयुक्त निर्णय माना जा रहा है।
शक्तिकांत दास 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं और तमिलनाडु कैडर से आते हैं। उन्होंने अपने लंबे प्रशासनिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। मई 2017 तक वे आर्थिक मामलों के सचिव (Secretary of Economic Affairs) के रूप में कार्यरत रहे, जहां उन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाई।
उनके करियर की एक खास उपलब्धि 15वें वित्त आयोग (15th Finance Commission) में सदस्य के रूप में उनकी भागीदारी रही, जहां उन्होंने देश के वित्तीय ढांचे को सुदृढ़ करने में योगदान दिया। इसके अलावा, शक्तिकांत दास ने भारत का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया है, जैसे ब्रिक्स (BRICS), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund - IMF) और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC)।
शक्तिकांत दास 12 दिसंबर 2018 को भारत के 25वें रिज़र्व बैंक गवर्नर नियुक्त किए गए थे। उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय बैंकिंग प्रणाली में कई अहम सुधार हुए। उनका कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हुआ। शुरू में उन्हें तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में तीन साल के लिए और बढ़ा दिया गया।
उनके गवर्नर कार्यकाल के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों से गुज़री, जिनमें 2016 की नोटबंदी एक महत्वपूर्ण घटना रही। उस समय वे आर्थिक मामलों के सचिव थे।