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भारत में अमेरिकी फंडिंग पर विदेश मंत्रालय की सख्त प्रतिक्रिया: "गंभीर चिंता का विषय"

 21 Feb 2025

भारत सरकार ने शुक्रवार को अमेरिका द्वारा भारत में मतदान प्रयासों के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे "बेहद परेशान करने वाला" करार देते हुए कहा कि इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।


शुक्रवार को एक साप्ताहिक प्रेस वार्ता में जायसवाल ने कहा कि यह मामला भारत के संबंधित विभागों और एजेंसियों के संज्ञान में है, जो इसकी जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा दी गई कुछ जानकारियों को देखा है, जो निश्चित रूप से चिंता बढ़ाने वाली हैं। इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा हुई हैं। फिलहाल, इस पर सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।"

ट्रंप का सवाल और अमेरिकी सरकार की सफाई

इस मुद्दे पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सवाल उठाए थे। उन्होंने फ्लोरिडा के मियामी में FII प्रायोरिटी समिट को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका को भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? उन्होंने इस फंडिंग की तुलना अमेरिकी चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की आशंका से करते हुए कहा, "जब हमें बताया गया कि रूस ने अमेरिकी चुनावों में सिर्फ 2000 डॉलर के विज्ञापन खरीदे, तो इसे बहुत बड़ा मुद्दा बना दिया गया। लेकिन हम भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर खर्च कर रहे हैं—यह क्यों?" 

ट्रंप ने भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत बताते हुए अमेरिका पर लगाए गए उच्च करों और टैरिफ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "भारत के पास बहुत पैसा है। वे उन देशों में शामिल हैं जो अमेरिकी सामानों पर सबसे अधिक टैरिफ लगाते हैं। हमें वहां व्यापार करने में मुश्किल होती है, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं।" हालांकि, ट्रंप ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे भारत और उसके प्रधानमंत्री के प्रति पूरा सम्मान है। लेकिन हमें भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर देने की क्या जरूरत है?"

DOGE ने फंडिंग को किया रद्द

अमेरिकी सरकार के विभागीय कार्यक्षमता कार्यालय (DOGE) ने हाल ही में करदाताओं द्वारा वित्तपोषित विभिन्न पहलों की सूची जारी की, जिसमें "भारत में मतदान" के लिए निर्धारित 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर का उल्लेख था। इसके बाद, 16 फरवरी को एलन मस्क की अध्यक्षता वाले DOGE ने इस फंडिंग को रद्द करने की घोषणा की। एक पोस्ट में, DOGE ने उन सरकारी खर्चों की सूची साझा की, जिन्हें रद्द किया गया, जिसमें "भारत में मतदान" के लिए निर्धारित 21 मिलियन डॉलर भी शामिल था।