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Budget Session: "अवैध अप्रवासियों पर शिकंजा", मोदी सरकार संसद में पेश करेगी नया बिल

 30 Jan 2025

संसद के बजट सत्र में इस बार सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने अपने प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक, अवैध अप्रवासन, पर आधारित एक नया कानून पेश करने की योजना बनाई है। गुरुवार की सुबह सरकार ने प्राथमिकता वाले विधेयकों की सूची जारी की, जिसमें एक नया विधेयक "अप्रवासन और विदेशी विधेयक 2025" शामिल है। यह विधेयक उन 16 प्रमुख विधेयकों में से एक है, जिन्हें सरकार सत्र के दौरान पारित करने का इरादा रखती है। इनमें वक्फ संशोधन विधेयक 2024 भी शामिल है, जो भारत में वक्फ संपत्तियों के विनियमन से संबंधित है।


हालांकि, "अप्रवासन और विदेशी विधेयक" का विवरण फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह अनुमान है कि यह विधेयक भारत में अप्रवासियों के प्रवेश को नियंत्रित करने पर केंद्रित होगा। यह विधेयक मौजूदा पुराने कानूनों – जैसे कि विदेशी अधिनियम 1946, पासपोर्ट प्रवेश अधिनियम 1920, और विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम 1939 – की जगह ले सकता है और अप्रवासन को लेकर मुख्य कानून बन सकता है। विधेयक को संसद में पेश करने से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलनी जरूरी है, और फिलहाल मंत्रिमंडल ने इस मसौदे की समीक्षा या अनुमोदन नहीं किया है।

बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ: भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा

भाजपा के लिए बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ एक प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है, खासकर पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे पूर्वी राज्यों में, जहां गैर-भाजपा सरकारें सत्ता में हैं। पिछले साल झारखंड से अवैध अप्रवासियों को हटाने का वादा करने के बावजूद, भाजपा झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन के नेतृत्व में भारत ब्लॉक से राज्य चुनाव हार गई थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने मतदाता सूचियों से कथित अवैध रोहिंग्या अप्रवासियों को हटाने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव आयोग के समक्ष इन बदलावों पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद आयोग ने कहा था कि कोई अनुचित बदलाव नहीं किया गया था।

बजट सत्र में 16 विधेयकों की सूची

इस बार सरकार ने संसद के बजट सत्र के दौरान चर्चा के लिए कुल 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। इनमें केंद्रीय बजट 2025, वक्फ (संशोधन) विधेयक, और तीन नए मसौदा कानून शामिल हैं। वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा एक संसदीय समिति द्वारा की गई और अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी गई, जिससे सरकार को पिछले साल पेश किए गए मूल विधेयक में बदलाव करने का रास्ता मिल गया। साथ ही, मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार वित्तीय प्रस्तावों के साथ वित्त विधेयक 2025 भी पेश करेगी। पिछले सत्रों में लंबित दस अन्य विधेयक भी अभी संसद में विचाराधीन हैं।