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संजय राउत ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर योगी सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

 30 Jan 2025

शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने गुरुवार को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा पर तीव्र आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की गंभीर चूक के कारण गुरुवार को मेला क्षेत्र में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे कई श्रद्धालु हताहत हो गए। राउत ने घटना को लेकर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह महाकुंभ मेला एक ऐसा धार्मिक आयोजन है जो हर 144 साल में एक बार आयोजित होता है, और इस बार इसे लेकर पहले से ही सरकार और प्रशासन को अंदाजा था कि भारी भीड़ जुटेगी, फिर भी वे सिर्फ राजनीतिक प्रचार में व्यस्त रहे।


राउत ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन ने दावा किया था कि हर दिन महाकुंभ में 10 से 20 करोड़ लोग आएंगे, लेकिन इस विश्वास के साथ भी, आयोजकों ने आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने महाकुंभ में प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति की भी आलोचना की और कहा कि ऐसे पवित्र अवसर पर, विशेषकर जब भारी भीड़ जुटने की संभावना थी, तो वीआईपी लोगों को आयोजनों से दूर रहना चाहिए था।

संजय राउत ने यह भी आरोप लगाया कि महाकुंभ के दौरान व्यवस्था पूरी तरह से अराजक हो गई थी। उनके अनुसार, न तो चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था थी, न ही एंबुलेंस या अन्य आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता। कई महामंडलेश्वर ने यहां तक सुझाव दिया कि इस विशाल धार्मिक समागम का प्रबंधन सेना को सौंप दिया जाए, ताकि भगदड़ जैसी स्थिति को रोका जा सके। राउत ने कहा कि इस धार्मिक अवसर का राजनीतिक प्रचार के रूप में इस्तेमाल किया गया, जिसका प्रत्यक्ष परिणाम यह हुआ कि अधिक लोग मारे गए और घायल हुए।

राउत ने इस घटना के लिए योगी सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि "घायलों की संख्या अब तक स्पष्ट नहीं की गई है और कई लोग लापता हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। इस सबके लिए राज्य और केंद्र सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।" उन्होंने इस घटनाक्रम पर सरकार की निष्क्रियता और कुप्रबंधन को लेकर गहरी चिंता जताई। संजय राउत ने महाकुंभ आयोजन के लिए आवंटित धन के विषय पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था, "कुंभ मेले के लिए 10,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, मात्र 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यह बजट का सही तरीके से उपयोग न होने का प्रमाण है।"