बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित गड़बड़ी के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों का समर्थन करते हुए, जन सुराज पार्टी के नेता और प्रशांत किशोर (पीके) ने 2 जनवरी से अनशन शुरू किया था। इस अनशन का उद्देश्य छात्रों की मांगों को उठाना था, जो परीक्षा में हुई अनियमितताओं के खिलाफ थे। अब, 16 जनवरी को प्रशांत किशोर ने यह ऐलान किया है कि वे अपना अनशन समाप्त करेंगे। जन सुराज पार्टी ने बताया कि पीके कल दोपहर 12 बजे जन सुराज आश्रम में आमरण अनशन तोड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर का अनशन 14 दिनों से जारी था और इस दौरान उनकी तबीयत भी बिगड़ गई थी।
जब उनकी हालत गंभीर हो गई, तो उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उनकी देखभाल की गई और स्थिति में सुधार होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई। इस बीच, पीके के स्वास्थ्य के बारे में चिंता बढ़ने पर राज्य सरकार और प्रशासन ने उनसे अपील की थी कि वे अपना अनशन खत्म करें।
इसके अलावा, मंगलवार को जिला प्रशासन ने पीके को मरीन ड्राइव के पास अस्थाई कैंप लगाने की अनुमति दी थी। इसके तहत जन सुराज पार्टी ने मरीन ड्राइव पर एक टेंट सिटी बनाई, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ा हॉल तैयार किया गया था, जिसमें उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा, यहां कार्यकर्ताओं के रहने के लिए कमरे भी बनाए गए हैं।
इन सब गतिविधियों पर प्रशासन ने कड़ी निगरानी रखी है, खासकर उन कार्यों पर जो इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं। मरीन ड्राइव स्थित टेंट सिटी में कार्यकर्ताओं का एक दिनचर्या बनाई गई है, जिसमें गंगा स्नान और महात्मा गांधी के भजन गाने जैसे कार्यक्रम भी शामिल हैं।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी छात्रों और प्रशांत किशोर के साथ संवाद किया। 12 परीक्षार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते हुए, राज्यपाल ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे संवैधानिक दायरे में रहते हुए छात्रों के पक्ष में जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, वह करेंगे। इसके साथ ही, राज्यपाल ने प्रशांत किशोर से अनशन खत्म करने की अपील भी की।
बात करें, जन सुराज की ओर से पटना हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका की, तो इसमें बीपीएससी अभ्यर्थियों की दोबारा परीक्षा कराने की मांग की गई है।
याचिका में यह कहा गया है कि परीक्षा में गड़बड़ी के कारण कई छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। अदालत ने इस पर सुनवाई शुरू कर दी है।
इस पूरे प्रकरण के दौरान 6 जनवरी को गांधी मैदान में धरने पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें तड़के गिरफ्तार कर पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया था। हालांकि, उसी दिन शाम को उन्हें बिना शर्त जमानत मिल गई और वे फिर से अपने आंदोलन को जारी रखने के लिए तैयार हो गए।
लेकिन, जब उनकी तबीयत और बिगड़ने लगी तो उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यहां उनकी स्थिति गंभीर हो गई, और उन्हें आईसीयू में भी रखा गया। बाद में जब उनकी सेहत में सुधार हुआ, तो अस्पताल से उन्हें छुट्टी दे दी गई। अब, जैसे ही उनकी सेहत में कुछ सुधार हुआ है, उन्होंने 16 जनवरी को अपना अनशन तोड़ने का ऐलान किया है।