लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर दिए गए बयान ने सियासत में गरमाहट पैदा कर दी है। उनके इस बयान के बाद कई भाजपा नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी को अपनी मानसिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी के किसी विशेष बयान का जिक्र नहीं किया, लेकिन कहा कि उनसे कहिए कि वे जाकर अपनी मानसिक स्थिरता की जांच कराएं।
वित्त मंत्री ने भी राहुल को घेरा
इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें भारतीय संविधान को अपने हाथ में क्यों लेकर घूमना पड़ रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सीतारमण ने सवाल उठाया कि विपक्ष के नेता, जिन्होंने संविधान की शपथ ली थी, अब यह कह रहे हैं कि हम केवल भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से ही लड़ रहे हैं। यह बयान भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती है।
भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी राहुल गांधी की टिप्पणियों पर तंज कसा और कहा कि दुर्भाग्य है कि हमारे पास एक अपरिपक्व नेता विपक्ष है। भारत को एक अधिक जिम्मेदार, वफादार और परिपक्व नेता विपक्ष की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, फिर भी वे कह रहे हैं कि वे भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे नेता विपक्ष में हैं, जो जॉर्ज सोरोस जैसी ताकतों का मार्गदर्शन करते हैं, जो देश की अखंडता के खिलाफ हैं।
भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी के शब्द और कार्य देश की संप्रभुता को चोट पहुंचाते हैं। यह पहली बार नहीं है कि उन्होंने ऐसा किया है। जो ताकतें देश विरोधी हैं, वे उनसे फंडिंग लेते हैं और फिर ऐसे बयान देते हैं। राहुल गांधी देश के नेता हैं, उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान में देश के हर नागरिक की भावनाओं की झलक है।
क्या कहा था राहुल ने
इस पूरे मामले की शुरुआत राहुल गांधी के उस बयान से हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसा मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। अगर आप मानते हैं कि हम भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं, तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि उन्होंने हमारे देश की लगभग हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम केवल भाजपा और आरएसएस से नहीं, बल्कि व्यवस्था से भी लड़ रहे हैं। राहुल गांधी ये टिप्पणी पार्टी के नए मुख्यालय 'इंदिरा भवन' का उद्घाटन करते हुए दे रहे थे।