Article

Delhi Election से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, नरेश बाल्यान की ज़मानत याचिका खारिज

 15 Jan 2025

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश बाल्यान की जमानत अर्जी को दिल्ली की एक अदालत ने खारिज कर दिया है। यह मामला महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) के तहत दर्ज किया गया था। विशेष जज कावेरी बावेजा ने बाल्यान की जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि उनका आवेदन खारिज किया जाता है। बाल्यान को 4 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि इससे पहले अदालत ने उन्हें एक अन्य मामले में, जो जबरन वसूली से संबंधित था, जमानत दी थी। लेकिन बाद में 8 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने इस जमानत के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की और कहा कि बाल्यान एक संगठित अपराध गिरोह का हिस्सा था, जो समाज में अव्यवस्था फैलाने में शामिल था। दिल्ली पुलिस का कहना था कि यदि बाल्यान को जमानत मिलती है, तो वह बाहर जाकर गवाहों को प्रभावित कर सकता है और किसी भी तरह से सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। 


पुलिस ने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि बाल्यान की जमानत को रद्द किया जाए, क्योंकि वह जांच प्रक्रिया में रुकावट डाल सकता है और भविष्य में मामले को प्रभावित कर सकता है। पुलिस का तर्क था कि बाल्यान की गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने अवैध तरीके से पैसे का लेन-देन किया था, और उसका प्रभाव समाज में और उसके अपराधी सिंडिकेट में बढ़ सकता था। स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर अखंड प्रताप सिंह ने भी इस मामले में अहम दलील दी। उन्होंने बताया कि गवाहों ने यह स्वीकार किया है कि बाल्यान और कपिल सांगवान का संगठित अपराध सिंडिकेट एक-दूसरे के सहयोगी थे। उन्होंने कहा कि बाल्यान ने अपराध के बाद गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार होने से बचने के लिए पैसे दिए थे। 

इसके अलावा, सिंह ने अदालत में 16 एफआईआर का भी हवाला दिया, जिनमें से कुछ दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से संबंधित थीं। इन एफआईआर के जरिए उन्होंने यह दावा किया कि इस सिंडिकेट ने न केवल समाज में भारी अस्थिरता फैलाई, बल्कि अवैध संपत्ति भी अर्जित की है। उनका कहना था कि इस सिंडिकेट का नेटवर्क व्यापक है और यह समाज में गंभीर अपराध कर रहा है, जिससे जनता का विश्वास पूरी तरह से टूट रहा है। इस स्थिति में, बाल्यान की जमानत अर्जी का खारिज होना, आम आदमी पार्टी के लिए एक और राजनीतिक समस्या पैदा कर सकता है, खासकर जब पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे मामले में उलझी हुई है। 

पार्टी की छवि और उसकी आगामी चुनावी रणनीतियों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। अब दिल्ली पुलिस और अदालत की ओर से बाल्यान की जमानत को खारिज किए जाने के बाद, उसे अदालत में और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत गिरफ्तारी से जुड़ा नहीं है, बल्कि इससे जुड़े संगठित अपराध और भ्रष्टाचार के मामलों के कारण यह राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुका है।