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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद के उपचुनाव के नतीजे पर लगाई रोक; पहले यह सीट RJD नेता के पास थी

 15 Jan 2025

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिहार विधान परिषद के उपचुनाव के नतीजों पर रोक लगा दी है। यह सीट पहले राजद से निष्कासित नेता सुनील कुमार सिंह के पास थी। बीते साल 26 जुलाई को उन्हें बिहार विधान परिषद से सदस्यता समाप्त कर दी गई थी, जब उन्होंने सदन में अभद्र व्यवहार किया था। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के करीबी माने जाने वाले सुनील कुमार सिंह पर 13 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करने का आरोप है।


उपचुनाव के नतीजे पहले 16 जनवरी को घोषित होने थे। लेकिन, सुनील कुमार सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क रखा कि चूंकि यह चुनाव निर्विरोध हुआ है, इसलिए नतीजे भी तय समय पर घोषित किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है, इसलिए किसी भी तरह का परिणाम उस समय तक घोषित नहीं किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि चूंकि वह पहले से ही इस मुद्दे पर दलीलें सुन रही है, इसलिए सीट के लिए किसी भी परिणाम की घोषणा फिलहाल टाली जानी चाहिए। अधिवक्ता सिंघवी ने यह भी कहा कि अगस्त 2024 से उनके निष्कासन के खिलाफ याचिका पर सुनवाई हो रही है और अगर अदालत अगले दिन याचिका को अनुमति देती है, तो यह एक अजीब स्थिति होगी, क्योंकि एक ही सीट के लिए दो उम्मीदवार होंगे। पीठ ने कहा कि वह 16 जनवरी को राज्य विधान परिषद और आचार समिति की दलीलें सुनेंगी, जिसके बाद वह इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रखेगी।

क्या है पूरा मामला?

2024 में आचार समिति की ओर से कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के एक दिन बाद सुनील कुमार सिंह को सदन से निष्कासित करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया था। उन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शारीरिक भाषा की नकल करने और अपमानित करने का आरोप था। इसके अलावा, सुनील कुमार सिंह ने आचार समिति के सामने अपनी बात रखने के बाद समिति के सदस्यों की योग्यता पर सवाल उठाए थे। उनके निष्कासन के अलावा, राजद के अन्य एमएलसी मोहम्मद कारी सोहैब को भी दो दिनों के लिए निलंबित किया गया था। आचार समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि सोहैब ने अपने कार्यों के लिए खेद जताया, जबकि सुनील कुमार सिंह अपनी बात पर अड़े रहे।