दिल्ली में चुनावों के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने साफ कर दिया है कि वह आम आदमी पार्टी (AAP) को समर्थन देगी। सपा के इस ऐलान के बाद इंडिया ब्लॉक में टूट की खबरें फैल रही हैं। अब पहली बार सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने के अपने तर्क रखे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा, “इंडिया ब्लॉक टूटा नहीं है। जब इंडिया ब्लॉक बनाया जा रहा था, तो कहा गया था कि जहां भी क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हैं, उन्हें बीजेपी के खिलाफ इस गठबंधन को मजबूत करने का काम करना चाहिए।”
अखिलेश ने आगे कहा, “दिल्ली में आम आदमी पार्टी मजबूत है, इसलिए हमने AAP को समर्थन दिया है। इंडिया अलायंस को AAP के साथ मजबूती से खड़ा रहना चाहिए। मेरा सुझाव है कि AAP मजबूत है, इसलिए हम केजरीवाल के साथ हैं।”
वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी कांग्रेस की बजाय आम आदमी पार्टी के समर्थन में नजर आ रही है। टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा, “जब इंडिया ब्लॉक का गठन हुआ था, तो हमने तय किया था कि जहां भी क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, उन्हें बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में उतारा जाएगा। उदाहरण के तौर पर तमिलनाडु में डीएमके, झारखंड में जेएमएम है। दिल्ली में बीजेपी को कौन हरा सकता है? यह काम AAP ही कर सकती है। इसलिए मैं उस पार्टी (AAP) का समर्थन क्यों नहीं करूंगा जो बीजेपी को हरा सकती है? यही कारण है। हम AAP का समर्थन नहीं करके बीजेपी की मदद क्यों करेंगे।”
यह भी बता दें कि कांग्रेस, सपा, और AAP इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं।
हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और AAP अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दलों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सपा ने घोषणा कर दी है कि वह AAP को समर्थन देगी। वहीं, यूपी की राजनीति में सपा और कांग्रेस मिलकर सक्रिय हैं। हाल ही में यूपी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने सपा को समर्थन दिया था। लोकसभा चुनावों में दिल्ली में AAP और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था।
इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “जब इंडिया ब्लॉक का गठन हुआ था, तब सिर्फ राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई थी। स्थानीय निकाय चुनावों या राज्य चुनावों के बारे में कोई बात नहीं हुई थी।” पवार की पार्टी ने संकेत दिया है कि महाराष्ट्र में वह उद्धव ठाकरे की तरह अकेले चुनाव मैदान में उतर सकती है। महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना (UBT), और एनसीपी (शरद पवार) महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं।