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BPSC आंदोलन: चिराग पासवान ने की मुख्यमंत्री से संवाद की अपील, तेजस्वी और RJD नेताओं पर उठाए सवाल

 15 Jan 2025

बिहार में बीपीएससी अभ्यर्थियों का विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीपीएससी के उम्मीदवार अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, जिसमें मुख्य रूप से यह आग्रह किया जा रहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं पीटी परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए। हालांकि, पटना के एक परीक्षा केंद्र पर हुई गड़बड़ी के बाद उस सेंटर की परीक्षा को रद्द कर फिर से लिया जा चुका है, लेकिन छात्रों का कहना है कि पूरी परीक्षा को ही रद्द किया जाए। 


 इस बीच, बीपीएससी के अभ्यर्थियों ने केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान से मुलाकात की है। इस मुलाकात पर चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत में कहा, "अब तक कुछ नया नहीं हुआ है। छात्र अपनी पूरी समस्याओं से हम सभी को अवगत करा चुके हैं। मैं भी गठबंधन के अंदर उनके मुद्दों को लेकर लगातार प्रयास कर रहा हूं ताकि उनकी आवाज़ सुनी जा सके। सरकार को उनके साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए। मैं बिहार सरकार से यह निवेदन कर चुका हूं कि छात्रों की बातों को सुना जाए, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक संवाद नहीं हुआ है। कल मैंने इन छात्रों से मुलाकात की ताकि उनकी हिम्मत बनी रहे।"

 बीजेपी गठबंधन के भीतर की राजनीति भी इस मामले में जुड़ी हुई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी और सांसद मीसा भारती ने मकर संक्रांति के अवसर पर कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजे खुले हैं। हालांकि, राजद नेता तेजस्वी यादव कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजे अब बंद हो चुके हैं। इस पर चिराग पासवान ने कहा, "पहले पूरा परिवार एकजुट होकर एक ही बात करे। मुझे समझ में नहीं आता कि परिवार के एक सदस्य का बयान कुछ और है और दूसरे का कुछ और। उनके भाई साहब कहते हैं कि दरवाजे बंद हैं, वहीं तेजस्वी कहते हैं कि दरवाजे नहीं खुले हैं, और मीसा भारती कह रही हैं कि दरवाजे खुले हैं। हमें नहीं समझ आता कि इस मुद्दे पर परिवार के अंदर मतभेद क्यों हैं।"

 इस बीच, बीपीएससी अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव भी छात्रों के समर्थन में उतर चुके हैं। वहीं, प्रशांत किशोर बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर हैं। तेजस्वी यादव भी छात्रों की मांगों का समर्थन कर चुके हैं। हालांकि, जदयू का आरोप है कि छात्रों के आंदोलन का राजनीतिकरण किया जा रहा है और इसके पीछे कुछ राजनीतिक फायदे की कोशिश हो रही है।