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Madhya Pradesh: कमलनाथ की नाराजगी, दिग्विजय ने दिया साथ, कांग्रेस में समन्वय पर सवाल

 08 Jan 2025

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने पार्टी संगठन के कामकाज को लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने एक वर्चुअल बैठक में कहा कि उन्हें महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल नहीं किया जाता और न ही बैठकों की जानकारी दी जाती है। इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता विपक्ष उमंग सिंघार, दिग्विजय सिंह और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।


कमलनाथ का बयान: "मीटिंग की जानकारी भी नहीं मिलती"

कमलनाथ ने कहा, "नियुक्तियों में मुझसे कोई राय नहीं ली जाती। चाहे किसी की भी नियुक्ति हो, वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करना जरूरी है। मुझे तो यह भी नहीं बताया जाता कि कब बैठक होनी है। अक्सर मुझे अखबार से पता चलता है कि पार्टी की मीटिंग हुई थी।" कमलनाथ की इस टिप्पणी का समर्थन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने भी किया। दिग्विजय सिंह ने कहा, "मैं भी सहमत हूं कि बैठकें बिना एजेंडे के बुलाई जाती हैं, और एजेंडा मिलने में देर होती है।"

पार्टी का पक्ष: "कमलनाथ का सम्मान हमेशा रहेगा"

कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा, "कमलनाथ हमारे प्रदेश के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। उनकी नाराजगी को पार्टी एक मंच पर आकर सुलझाएगी। कांग्रेस हमेशा अपने वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करती है।" प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी कहा कि "पार्टी में सभी की राय के आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से कमलनाथ से बात करूंगा।"

बीजेपी का कटाक्ष: "कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर"

कमलनाथ की नाराजगी पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी हावी है। प्रदेश बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख आशीष अग्रवाल ने कहा, "जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस के दोनों गुट—कमलनाथ और दिग्विजय सिंह—आपस में संघर्ष कर रहे हैं। यही वजह है कि कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं।"   गणतंत्र दिवस के मौके पर कांग्रेस ने महू से "जय बापू, जय भीम, जय संविधान" यात्रा शुरू करने की योजना बनाई है। इस यात्रा का नेतृत्व राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी करेंगी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय नेता और अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे।