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Delhi Polls: 'विज्ञापन पर पैसा, योजनाओं पर कम ध्यान'- BJP ने AAP सरकार को घेरा

 08 Jan 2025

दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। इस बीच, बीजेपी ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर योजनाओं के प्रचार-प्रसार में जरूरत से ज्यादा खर्च करने का आरोप लगाया। बीजेपी ने कथित तौर पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के आंकड़े पेश करते हुए दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने योजनाओं पर वास्तविक खर्च से अधिक उनके विज्ञापन पर पैसा खर्च किया।


बीजेपी के आरोप: विज्ञापन पर जरूरत से ज्यादा खर्च

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाते हुए कहा कि आप सरकार ने योजनाओं के बहाने आत्म-प्रचार पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया। उन्होंने कुछ योजनाओं के आंकड़े साझा किए:
  • बिजनेस ब्लास्टर्स योजना: 54.08 करोड़ रुपये आवंटित, जबकि 80.02 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च। 
  • देश के मेंटर्स योजना: 1.9 करोड़ रुपये आवंटित, लेकिन 27.90 करोड़ रुपये प्रचार में खर्च। 
  • पराली मैनेजमेंट स्कीम: 77 लाख रुपये का बजट, लेकिन 27.89 करोड़ रुपये विज्ञापन पर। 
  • स्मॉग टावर परियोजना: निर्माण पर 20 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च नहीं, लेकिन 5.88 करोड़ रुपये प्रचार पर।
वीरेंद्र सचदेवा ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री आतिशी दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट सार्वजनिक करने से क्यों बच रहे हैं। उन्होंने कहा, "अदालत की फटकार के बावजूद सरकार ने रिपोर्ट पेश नहीं की है, जो केजरीवाल के डर को उजागर करता है।"

आप का जवाब: आरोपों को बताया निराधार

आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सीएजी रिपोर्ट अभी सीलबंद है और इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। आप के प्रवक्ता ने कहा, "बीजेपी फर्जी दस्तावेजों के जरिए नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रही है। चुनावी हार से बौखलाई बीजेपी, दिल्ली में अपना नैरेटिव स्थापित करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है।" आप ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली के विकास और जनता के हित में काम किया है।

चुनाव का सियासी तापमान बढ़ा

दिल्ली में पांच फरवरी को 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा और तीन दिन बाद, आठ फरवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे। चुनावी माहौल में आरोप-प्रत्यारोप ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना जनादेश सौंपती है।