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भारत की GDP वृद्धि में बड़ी गिरावट, 2024-25 में केवल 6.4 फीसदी रहने का अनुमान

 07 Jan 2025

देश को इकोनॉमी के मोर्चे पर बुरी खबर मिली है। सरकार के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी केवल 6.4 फीसदी रह सकती है। यह अनुमान नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर आधारित है। खास बात यह है कि पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी 8.2 फीसदी रही थी। यदि एनएसओ का यह अनुमान सही साबित होता है, तो मौजूदा वित्त वर्ष में पिछले वर्ष की तुलना में ग्रोथ काफी कम हो सकती है। आइए जानते हैं कि एनएसओ ने अपने अनुमान में क्या जानकारी दी है।


एनएसओ का एडवांस अनुमान

मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (2024-2025) में देश की जीडीपी 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी। एनएसओ ने 2024-25 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला एडवांस अनुमान जारी करते हुए कहा कि इस वर्ष जीडीपी 6.4 फीसदी बढ़ने की संभावना है। वहीं, 2023-24 के लिए अस्थायी जीडीपी वृद्धि 8.2 फीसदी रहने की बात कही गई है। एनएसओ का यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से थोड़ा कम है।

आरबीआई का अनुमान

पहली तिमाही में देश की ग्रोथ 6.7 फीसदी रही थी, जबकि दूसरी तिमाही में यह घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई, जो कि अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन था। हालांकि, तीसरी तिमाही में विकास दर बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन यह अनुमानित स्तर से कमजोर रहने का अनुमान है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.6 फीसदी लगाया था। दूसरी ओर, अन्य संस्थाओं ने भी भारत की जीडीपी वृद्धि 7 फीसदी से कम रहने का अनुमान जताया है।

बजट और पॉलिसी मीटिंग का असर

इस साल एक फरवरी को देश का बजट प्रस्तुत किया जाएगा, और इस संदर्भ में एनएसओ का यह अनुमान खास महत्व रखता है। इसके साथ ही फरवरी के पहले हफ्ते में आरबीआई की पॉलिसी मीटिंग भी होने वाली है, और उस मीटिंग के बाद आरबीआई के अनुमान पर भी सबकी नजरें रहेंगी।