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कौन है SUKHBIR BADAL पर गोली चलाने वाला NARAYAN CHAURA, CM के हत्यारों को जेल से भगाने में शामिल

 04 Dec 2024

SAD यानी शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख SUKHBIR BADAL की हत्या की साजिश रची गई। 68 वर्षीय NARAYAN CHAURA ने उन पर गोली चलाई। हालांकि, बादल इस हमले में बच गए। यह घटना तब हुई जब वे स्वर्ण मंदिर के बाहर 'सेवादार' के रूप में सेवा कर रहे थे। चौरा एक बहुत खतरनाक अपराधी है और पुलिस उसे कई बड़े अपराधों के लिए ढूंढ रही थी।


जेल से कैदियों को भगाने में मदद की थी

चौरा गुरदासपुर जिले के चौरा गांव का निवासी है और प्रमुख आतंकवादियों में गिना जाता है। वर्तमान में वह जमानत पर है। उसने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भेओरा तथा उनके साहयोगी जगतार सिंह तारा और देवी सिंह को जेल से भगाने की योजना बनाई थी। यह घटना जनवरी 2004 की है। उसने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषियों को जेल से भगाने में सहायता की। ये सभी जेल में सुरंग खोदकर फरार हो गए थे। इस मामले में उसे जमानत मिली थी, परंतु कोर्ट में पेशी से भागने के कारण अक्तूबर 2011 में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया। उसे 2013 में गिरफ्तार किया गया।

लंबी है गुनाहों की सूची

8 मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइन पुलिस स्टेशन में चौरा पर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 और 5 तथा UAPA की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया। हालांकि, 2018 में स्थानीय अदालत ने उसे बरी कर दिया। वह आतंकवाद से जुड़े अनेक मामलों में पंजाब पुलिस द्वारा वांछित था। 

पाकिस्तान से जुड़े तार

1984 में पाकिस्तान की धरती पर कदम रखने वाले चौरा ने वहां से पंजाब में घातक हथियारों और विस्फोटक सामग्री की तस्करी का जाल बिछाया। पाकिस्तान में रहते हुए उसने अपने विचारधारा को और मजबूत किया और गुरिल्ला युद्ध पर एक विस्तृत पुस्तक भी लिखी। विडंबना देखिए कि कांग्रेस के शासनकाल में उसका भाई मार्केट कमेटी का चेयरमैन बनकर सत्ता का सुख भोग रहा था। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चौरा ने अकाल फेडरेशन और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स जैसे कुख्यात संगठनों के साथ गहरे संबंध बनाए। उसकी गतिविधियां यहीं नहीं रुकीं, वह खालिस्तान समर्थक संगठन दल खालसा में भी सक्रिय भूमिका निभाता रहा। उसकी खतरनाक गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 10 लाख रुपये का मोटा इनाम घोषित किया था, लेकिन वह लंबे समय तक कानून की पकड़ से दूर रहा।