महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति की भारी जीत ने उद्योगपति गौतम अडानी को बड़ी राहत दी है। विपक्षी दल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने धारावी पुनर्विकास के तरीकों को गलत बताया था। उन्होंने चुनाव से पहले कहा था कि प्रदेश में उनकी सरकार आने के बाद वह एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी के पुनर्विकास के लिए अडानी समूह को दी गई सारी जमीन को वापस लेंगे, और इस परियोजना को पूरी तरह से रद्द कर देंगे। गौरतलब है कि मुंबई की झुग्गी बस्ती धारावी को 'विश्वस्तरीय' जिले के रूप में पुनर्विकसित किए जाने की योजना है।
अडानी के लिए यह राहत की बात इसलिए भी है, क्योंकि वह पिछले कुछ समय से कई आरोपों का सामना कर रहे है। हाल ही में उनके ख़िलाफ़ अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वख़ोरी के एक मामले में वहां की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया है। अमेरिका में मामला सार्वजनिक होने के बाद से अडानी को आर्थिक तौर पर काफ़ी भारी नुकसान हुआ है। वह दुनिया के टॉप 20 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए है। अब अगर धारावी का प्रोजेक्ट उनके हाथ से निकल जाता तो यह अडानी के लिए एक और बड़ा झटका होता।
क्या है धारावी प्रोजेक्ट
अडानी की योजना 620 एकड़ की शानदार ज़मीन को एक शानदार शहरी केंद्र में बदलने की है। यह जमीन न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क के आकार का लगभग तीन चौथाई है। मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नज़दीक घनी आबादी वाली झुग्गियों में खुले सीवर और साझा शौचालयों वाली जर्जर झुग्गियों में रहने वाले लगभग सात लाख लोगों को 350 वर्ग फुट तक के फ्लैट मुफ्त दिए जाने हैं। पुनर्विकास का यह मामला राजनीतिक रूप से गरमाया हुआ है, क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि अडानी समूह को अनुबंध देते समय राज्य सरकार की तरफ़ से अनुचित लाभ दिया गया है। हालांकि, अडानी समूह ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया है।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बार-बार धारावी पुनर्विकास परियोजना के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा पर अडानी जैसे मित्रों को समृद्ध करने का आरोप लगाया है। इधर, सरकार का कहना है कि यह परियोजना झुग्गी पुनर्विकास के लिए एक वैश्विक मॉडल पर आधारित है।
धारावी में लगभग 10 लाख लोग रहते हैं, लेकिन लगभग सात लाख लोगों को पात्र माना गया। निवासी परिभाषा के अनुसार, एक जनवरी, 2000 से पहले इस क्षेत्र में रहने का प्रमाण होना चाहिए। बाकी लोगों को शहर के दूसरे इलाकों में घर मिलेंगे। इस प्रस्ताव का कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध किया, क्योंकि वे चाहते हैं कि किसी भी निवासी या व्यवसाय के मालिक को बेघर न किया जाए।
महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे क्या रहे
चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगी दल शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (एपी) ने महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से तीन-चौथाई से अधिक सीटें जीत ली हैं। शनिवार शाम 7 बजे तक महायुति ने 231 सीटों पर जीत हासिल की है।