20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को जीत मिलेगी, इसका फैसला 23 नवंबर को जारी चुनाव परिणामों से हो जाएगा, लेकिन इससे पहले टिकट को लेकर पार्टियों में रंजिश जारी है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति से पूर्व मंत्री नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा और NCP-अजित गुट में टकराव देखने को मिल रहा है। उप-मुख्यमंत्री और NCP- अजित गुट के प्रमुख अजित पवार ने मलिक को मानखुर्द-शिवाजीनगर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। गौर करने वाली बात यह है कि महायुति की तरफ़ से यह सीट शिवसेना शिंदे गुट को दी गई है। शिंदे गुट ने इस सीट से सुरेश पाटिल को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने भी पाटिल को अपना समर्थन दिया है। यानी की साफ़ है कि मालिक को चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बीजेपी का साथ नहीं मिलेगा।
काटोल विधानसभा सीट पर भी भाजपा और अजित की NCP आमने-सामने है। अजित पवार की पार्टी की तरफ़ से नरेश अरसडे को टिकट दिया गया है। जबकि भाजपा की तरफ़ से चरण सिंह ठाकुर को टिकट दिया गया है। दरअसल, NCP में टूट से पहले पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख इस सीट से विधायक बने थे। हालांकि, जब पार्टी में टूट हुई तो देशमुख ने शरद पवार का साथ दिया। इस वजह से भाजपा इस सीट पर दावा कर रही थी, लेकिन अजित पवार इस सीट को अभी भी अपने पक्ष में मान रहे है।
मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने बुधवार को कहा कि पार्टी का स्टैंड क्लियर है। पार्टी पहले भी नवाब मलिक की उम्मीदवारी के खिलाफ थी, क्योंकि उनके दाऊद इब्राहिम से लिंक होने की बात सामने आई थी। आशीष ने कहा, “ हमने बार-बार दाऊद इब्राहिम और उससे जुड़े लोगों के बारे में अपना रुख स्पष्ट किया है। यह बात डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने पहले ही कही है और अब मैं भी यही कह रहा हूं। नवाब मलिक के लिए प्रचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। हमारा मानना है कि महायुति के सभी सहयोगियों को अपने उम्मीदवार घोषित करने का अधिकार है, लेकिन नवाब मलिक को लेकर भाजपा का रुख साफ है।”
मलिक ने भरे थे दो पर्चे
नवाब मलिक ने नामांकन के आखिरी दिन यानी 29 अक्टूबर को दो पर्चे दाखिल किए थे। जिनमें से एक पर्चा इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप था। उन्होंने मंगलवार को कहा, “मैंने NCP-अजित गुट उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी पर्चा दाखिल किया था, लेकिन पार्टी ने एबी फॉर्म (उम्मीदवार का फार्म) भेजा और हमने दोपहर 2.55 बजे एबी फॉर्म जमा किया। अब मैं NCP का आधिकारिक उम्मीदवार हूं।’
इसके अलावा NCP-अजित गुट ने अनुशक्तिनगर सीट से नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को भी टिकट दिया है, जो महायुति की ऑफिशियल कैंडिडेट भी हैं। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष ने कहा कि भाजपा को सना की उम्मीदवारी से दिक्कत नहीं है। पार्टी उनका समर्थन जरूर करेगी।
बीजेपी का डर
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी गयी थी। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं। 17 में से भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली थी। सीधे तौर पर भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं। अब बीजेपी को डर यह है कि यदि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में लोकसभा वाला ट्रेंड रहा तो उन्हें कई सीटों पर नुकसान होने वाला है। ऐसे में बीजेपी पूरी जान लगा देगी, ताकि महाराष्ट्र में उनके हाथों से सीएम की कुर्सी न छीन जाए। बीजेपी को एक उम्मीद यह भी है कि जिस तरह से बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा के चुनावों को जीतकर सभी को हैरान कर दिया था, वैसा ही चमत्कार वह महाराष्ट्र में करेगी।