Article

Hunger Strike: गृहमंत्रालय के आश्वासन पर वांगचुक ने ख़त्म किया अनशन

 22 Oct 2024

पर्यावरण एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आश्वासन के बाद मंगलवार को अपना अनशन ख़त्म कर दिया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने वांगचुक से मुलाकात की और उन्हें गृह मंत्रालय का एक पत्र सौंपा। पत्र में कहा गया है कि मंत्रालय के द्वारा गठित की गयी समिति जो लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रही है, 3 दिसंबर को उनसे मिलेगी।


इधर, सोनम वांगचुक ने कहा, “हमारे अनशन के 16वें दिन मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारी अपील का समाधान हो गया है। अभी गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव, यहां लद्दाख भवन में आए और मुझे यह पत्र सौंपा, जिसमें बातचीत का जिक्र है। वांगचुक ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के साथ लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल में केडीए के बीच चल रही बातचीत जल्द ही दिसंबर तक फिर से शुरू हो जाएगी। “ वांगचुक ने उम्मीद जताई कि मंत्रालय और लद्दाख के दो क्षेत्रों के दो सामाजिक-राजनीतिक संगठनों, लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक गठबंधन के बीच बातचीत के नतीजे आगे चलकर सकारात्मक निकलेंगे।

इसके अलावा वांगचुक ने कहा कि वे बस यही उम्मीद करते है कि उन्हें फिर से अपनी माँगों को मनवाने के लिए अनशन न करना पड़े। उन्होंने उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जो इस संघर्ष की परिस्थिति में उनके साथ खड़े हुए थे। दरअसल, सोनम वांगचुक की माँग है कि लद्दाख़ को संविधान के तहत छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि क्षेत्र की संस्कृति, विरासत और विविधता की रक्षा की जा सके। लद्दाख के निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा ने भी उम्मीद जताई कि भविष्य में बातचीत का अच्छा नतीजा निकलेगा। उन्होंने कहा, “ हमें विरोध प्रदर्शन करने की नीति पर वापस इसलिए जाना पड़ा क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद भी माँग को लेकर बातचीत फिर से शुरू नहीं हुई थी। हमें खुशी है कि बातचीत फिर से शुरू हो रही है और उम्मीद है कि समाधान निकलने तक यह जारी रहेगी।”


30 सितंबर दिल्ली आए थे

वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर दिल्ली के लिए पदयात्रा कर रहे थे। लेह से एक सितंबर को शुरू हुई ये यात्रा क़रीब एक हज़ार किलोमीटर लंबी थी और तय कार्यक्रम के अनुसार उन्हें दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन बापू की समाधि राजघाट पहुँचना था, लेकिन पुलिस ने उन्हें 30 सितंबर को दिल्ली के रास्ते में रोकते हुए , हिरासत में ले लिया था। वह लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग और लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की भी मांग कर रहे हैं।