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सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के बुलडोज़र एक्शन पर लगाई रोक, बहराइच हिंसा से जुड़ा है मामला

 22 Oct 2024

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के बुलडोज़र एक्शन पर रोक लगाई है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बहराइच हिंसा में शामिल तीन आरोपियों की संपत्ति ध्वस्त करने की यूपी सरकार के कार्रवाई पर बुधवार तक रोक लगा दी है। मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई ने कहा, “आप अदालत द्वारा पारित आदेश से अवगत है। यदि उत्तर प्रदेश सरकार इन आदेशों का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहती है तो ये उनकी मर्जी है।” दरअसल, पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के बहराइच में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। जिसके बाद अधिकारियों ने कुछ लोगों की संपत्ति को ध्वस्त करने का नोटिस जारी किया था। अधिकारियों का आरोप है कि उनकी संपत्ति अवैध है। इनमें से ही तीन लोगों ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और तुरंत सुनवाई की मांग की थी।



तीन दिन के अंदर मिला घर गिराने का नोटिस

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ट अधिवक्ता चंद्र उदय सिंह ने दलील दी कि यह आवेदन तीन लोगों के द्वारा दायर किया गया है। उन्हें तीन दिन के अंदर घर गिराने का नोटिस मिला है। राज्य सरकार ने नोटिस का जवाब देने के लिए केवल तीन दिन का समय दिया है। सिंह ने दलील दी कि याचिकाकर्ता के पिता और भाइयों ने सरेंडर कर दिया है और कथित तौर पर 17 अक्टूबर को नोटिस जारी किए गए और 18 की शाम को चिपकाए गए। उन्होंने कहा कि हमने रविवार को सुनवाई की मांग की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सिंह की दलील पर राज्य सरकार का पक्ष रखने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय भी बुलडोजर कार्रवाई से संबंधित मामले पर विचार कर रहा है। रविवार को तत्काल सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने नोटिस का जवाब देने के लिए व्यक्तियों को 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया। इसके बाद जस्टिस गवई ने राज्य को चेतावनी देते हुए कहा, “यदि वे (यूपी सरकार) हमारे आदेश का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहते हैं, तो यह उनकी मर्जी है।” गौरतलब है, सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों पर अतिक्रमण से जुड़े मामले को छोड़कर बिना उसकी इजाजत के पूरे देश में तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है।

13 अक्टूबर को बहराइच के महाराजगंज में दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के जुलूस के दौरान डीजे बजाने पर दूसरे समूह के लोगों ने आपत्ति जताई थी। एक वर्ग के खिलाफ गाली भरे नारों और हरा झंडा निकालकर भगवा फहराने पर  यह कहा सुनी हिंसा में तब्दील हो गई और एक नौजवान की जान चली गयी। यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ और अब स्थानीय बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने आठ लोगों के खिलाफ दंगा भड़काने की एफआईआर करायी है जिसमें बीजेपी के युवा मोर्चा अध्यक्ष समेत कई नेता शामिल हैं। कहा जा रहा है कि दस विधानसभा उपचुनावों को देखते हुए सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश रची गयी।