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एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर भारत और चीन में सहमति, विवाद सुलझाने की कोशिश जारी

 21 Oct 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने से पहले भारत और चीन के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है। सोमवार को विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि दोनों देश लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पेट्रोलिंग के लिए सहमत हो गए हैं। विदेश सचिव ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से भारत और चीन के अधिकारी इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे थे। सेना के अफसर भी बातचीत में शामिल थे। इस समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझ सकता है और टकराव में भी कमी आ सकती है।



मुद्दों को सुलझाने की कोशिश जारी

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने विदेश सचिव से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता पर सवाल पूछा। इसके जवाब में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि हम अभी भी समय के अनुरूप काम कर रहे हैं। विदेश सचिव ने कहा, “पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के कारण भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पेट्रोलिंग व्यवस्था पर एक सहमति बनी है।”

उन्होंने कहा कि 2020 में इन क्षेत्रों में जो मुद्दे उठे थे, उनका समाधान हो रहा है। सीमा पर मुद्दों को सुलझाने के लिए भारतीय और चीनी वार्ताकार पिछले कुछ हफ्तों से संपर्क में हैं। कथित तौर पर यह समझौता देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग व्यवस्था से संबंधित है। दरअसल, पूर्वी लद्दाख सीमा पर 2020 में हुई झड़प के बाद से चीन और भारत दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। इसके कारण ही गलवान में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और कई चीनी सैनिकों की भी मौत हुई थी।


ब्रिक्स सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति से हो सकती है द्विपक्षीय वार्ता

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों ही रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं। इन दोनों नेताओं के बीच में द्विपक्षीय बैठक को लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है लेकिन संभावना है कि दोनों नेता शिखर सम्मेलन में शामिल होने के अलावा द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं।

23-24 अक्टूबर को रूस के शहर कजान में होने वाले ब्रिक्स समिट में रूसी राष्ट्रपति भारत और चीन को एक मंच पर खड़ा करके दुनिया को अपनी ताकत दिखाना चाहेंगे। इसके साथ ही इस साल ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए दुनिया के कई देशों ने अर्जी दी है। ब्रिक्स समिट के दौरान पीएम मोदी अन्य वैश्विक नेताओं से भी द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। शुरुआती तौर पर ब्रिक्स में केवल ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, बाद में ईरान, मिस्र, इथोपिया और संयुक्त अरब अमीरात भी इसमें शामिल हो गए।