Article

महाराष्ट्र में विपक्ष को समर्थन करने वाले वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए: एमवीए

 18 Oct 2024

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। राज्य में राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। इस बीच विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी(एमवीए) ने सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाया है। एमवीए के नेताओं ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि आगामी महाराष्ट्र चुनावों के लिए विपक्षी दलों की ओर झुकाव रखने वाले मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी नेताओं ने दावा किया कि चुनाव आयोग के कामकाज में कोई पारदर्शिता नहीं है और इसके अधिकारी सत्तारूढ़ दलों के दबाव में काम कर रहे हैं।


2,500 से 10,000 मतदाताओं के नाम हटाए गए

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की। पटोले ने आरोप लगाया कि विभिन्न कारणों से मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए बनाए गए चुनाव आयोग के फॉर्म संख्या 7 का इस्तेमाल विपक्षी दलों की ओर झुकाव रखने वाले मतदाताओं के नाम हटाने के लिए किया जा रहा है जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अनुमति से हो रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, “हमने देखा है कि जिन सीटों पर एमवीए को लोकसभा चुनावों में बढ़त मिली थी, वहां 2,500 से 10,000 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।

मुद्दा उठाने के बावजूद नहीं लिया गया संज्ञान

शिवसेना (यूबीटी) नेता और विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने दावा किया कि नासिक सेंट्रल विधानसभा सीट में 6,000 मतदाताओं के नाम सूची से गायब हैं और कलेक्टर के समक्ष मुद्दा उठाने के बावजूद इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ दलों द्वारा प्रतिनिधित्व वाली औरंगाबाद सेंट्रल और सिल्लोड सीटों पर लगभग 27,000 मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया है। शिवसेना(यूबीटी) के ही नेता अनिल देसाई ने कहा कि राजनीतिक दलों के बूथ स्तरों के अधिकारियों को चुनाव अधिकारियों के साथ 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के घर जाना चाहिए। ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। उन्होंने बताया कि औसतन मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र में ऐसे 4,500 मतदाता हैं और शहर में 6,400 मतदाता हैं।

चुनाव आयोग मतदाता सूची पर श्वेत पत्र प्रकाशित करें

एनसीपी (शरद) नेता जितेंद्र आव्हाड ने मांग की कि चुनाव आयोग मतदाता सूची पर श्वेत पत्र प्रकाशित करें। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची की छपाई इतनी खराब है कि उसे पढ़ा नहीं जा सकता और दावा किया कि नाम, पते और फोटो भी गलत हैं। अवहद ने कहा, “जिस तरह से चुनाव कराया जा रहा है वह संदिग्ध है, यह शर्मनाक है।” उन्होंने आगे कहा कि आयोग सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए नियुक्त 50,000 योजना दूतों की नियुक्ति रद्द करें उन्हें 50,000 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि "योजना दूत" निजी व्यक्ति हैं और वे आरएसएस और भाजपा से जुड़े हैं।