Article

ज़हरीली शराब से हुई मौतों की तुलना आम मौतों से कर रहे केंद्रीय मंत्री माँझी

 18 Oct 2024

बिहार में ज़हरीली शराब पीने से तीन दर्ज़न से ज़्यादा लोगों की मौत को लेकर केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम माँझी का बेतुका बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 13 से 14 करोड़ की आबादी है, कुछ न कुछ होता ही रहता है। केंद्रीय मंत्री के हिसाब से बिहार में जो हुआ, वो होना आम बात है। इधर, बिहार के सीवान और सारण में लोगों की मौत का आँकड़ा तीन दर्ज़न से ज़्यादा तक पहुँच चुका है। काफी लोग अस्पताल में भर्ती हैं। सीवान में सबसे ज्यादा मौत हुई है। इससे पहले, साल 2022 के दिसंबर में छपरा में ज़हरीली शराब से 70 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी, उस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि जो पिएगा, वो मरेगा ही। सीएम नीतीश कुमार इस दौरान प्रदेश में शराबबंदी लागू कर चुके थे।


विपक्ष ने ज़हरीली शराब से लोगों की मौत को लेकर सरकार को घेरा हुआ है। शराबबंदी की नाकामी को ज़हरीली शराब की बिक्री से जोड़ते हुए पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह और जनसुराज के प्रशांत किशोर ने जमकर हमला किया है। विपक्ष का कहना है कि इस घटना के पीछे प्रशासन, पुलिस और शराब माफ़िया ज़िम्मेदार है, जिनकी मिलीभगत की वज़ह से प्रदेश में इतनी बड़ी घटना हुई।

क्या कहा था जीतन राम मांझी ने

जीतनराम मांझी ने पत्रकारों के सवाल पर कहा, "बिहार सरकार इसमें बहुत तत्परता से काम कर रही है। और, जो भी घटनाएं होती हैं, घटना के जो दोषी होते हैं, उसको लोग पकड़ते हैं। आए दिन इस तरह की घटना होती है। 13 करोड़, 14 करोड़ जनसंख्या है। कहीं ना कहीं कुछ हो जाए। सिर्फ बिहार की बात नहीं है, अन्य जगहों में भी इस तरह की बात आती है।" मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी के लोग ही शराब बिकवा रहे हैं। संतोष सुमन नीतीश सरकार में मंत्री हैं।

2022 की घटना के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान भी विवादों में आ गया था। छपरा में ज़हरीली शराब से बड़ी संख्या में हुई मौतों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, “अगर शराब पिओगे तो मरोगे ही। हमने शराबबंदी लागू कर रखी है। इसके बावजूद लोग शराब पी रहे हैं। शराब बुरी चीज़ है। जो शराब पिएगा वो तो मरेगा ही, ये उदाहरण सामने है।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि उनकी सरकार ने प्रदेश में 2016 से शराबबंदी लागू कर रखी है। यह फ़ैसला ज़हरीली शराब की बात सामने आने के चलते लिया गया था। प्रदेश की महिलाओं की भी इसमें सहमति थी।