Article

जम्मू-कश्मीर में हटा राष्ट्रपति शासन, उमर अब्दुल्ला जल्द लेंगे शपथ

 14 Oct 2024

छह साल लंबे इंतज़ार के बाद जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया है। रविवार देर रात इस संदर्भ में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हस्ताक्षर से इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गयी है। इसी  के साथ जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई सरकार के गठन का रास्ता साफ़ हो गया है। हालिया विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला है। गठबंधन की ओर से उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा की गयी है।


जून 2018 में बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन की महबूबा मुफ़्ती सरकार के पतन के बाद राज्य में छह महीने तक राज्यपाल शासन रहा। राजनीतिक हालत को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370  हटाये जाने के साथ राज्य का विभाजन करके केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया था।

इस संदर्भ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है, “भारत के संविधान के अनुच्छेद 239 और 239 ए के साथ पठित जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) की धारा 73 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के संबंध में 31 अक्टूबर, 2019 का आदेश जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 के तहत मुख्यमंत्री की नियुक्ति से तुरंत पहले रद्द कर दिया जाएगा।"

2024 विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 42, उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने 6 और CPI(M) ने एक सीट जीती थी। रिजल्ट के बाद NC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बनेंगे। उमर को 10 अक्टूबर को हुई बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया था। उमर ने 11 अक्टूबर को राजभवन जाकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उमर अब्दुल्ला गांदरबल और बडगाम दो सीटों से चुनाव जीते हैं। वह गांदरबल सीट बरकरार रख सकते हैं। कुपवाड़ा से चुनाव हारने वाले नासिर असलम वानी बडगाम सीट से फिर से चुनाव लड़ेंगे।