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लैंड फॉर जॉब मामले में लालू और तेजस्वी को नोटिस, पहली बार तेज प्रताप का भी नाम

 18 Sep 2024

दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और अन्य आरोपितों को समन जारी किया है। कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह के साथ-साथ उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन जारी किया है, जिन पर आरोप है कि उन्हें ज़मीन के बदले लाभ पहुँचाया गया है। कोर्ट ने कहा कि स्कैम से जुड़े इस पूरे मामले में तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। वह ए.के इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी रह चुके है। खबरों के अनुसार, तेजप्रताप यादव का नाम इस मामले में पहली बार आया है। जिन लोगों को समन जारी किया गया है, सभी को मामले की अगली सुनवाई यानी 7 अक्टूबर को कोर्ट के सामने पेश होना है। इससे पहले मामले को लेकर ईडी ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था। इनमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है।े


दूसरी तरफ़, दिल्ली हाई कोर्ट राजद प्रमुख लालू यादव के क़रीबी सहयोगी और मामल में आरोपित अमित कत्याल को नियमित ज़मानत दे चुका है। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा था कि आरोपित लगातार जाँच में शामिल हो रहा है, और अभी तक आरोपित ने पूछताछ से बचने की कोशिश भी नहीं की है। अदालत ने कहा कि तथ्यों को देखते हुए आरोपित के भागने की भी आशंका नहीं है। आरोपित 10 नवंबर 2023 से न्यायिक हिरासत में है, और मामले में ट्रायल को पूरा होने में लंबा समय लग सकता है। ऐसे में आरोपित को जेल में रखने से कोई उद्देश्य हल नहीं होने वाला है।

गौरतलब है कि कोर्ट ने जिस किरण देवी को समन जारी कर पेश होने के लिए कहा है, वह पटना की ही रहने वाली है। ख़बरों के अनुसार, किरण देवी ने नवंबर 2007 में मात्र 3.70 लाख रूपये में अपनी 80,950 वर्ग फीट ज़मीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी थी। इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गयी। आरोप है कि अभिषेक को नौकरी सस्ते जमीन सौदे के तहत दी गयी है।


क्या है लैंड फॉर जॉब केस


सीबीआई ने आरोप लगाया है कि लालू के रेल मंत्री (2004 से 2009) रहते हुए लैंड फॉर जॉब स्कैम को अंजाम दिया गया था। इस दौरान लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर ज़मीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई गयी। सस्ती ज़मीन के बदले लोगों को रेलवे में नौकरियाँ दी गयी। यह नौकरियाँ मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जोन में दी गयी। लालू के परिवार ने बिहार में एक लाख स्क्वायर फ़ीट से ज्यादा ज़मीन महज 26 लाख़ रूपये में हासिल कर ली। जबकि उस समय के सर्किल रेट के अनुसार, ज़मीन की क़ीमत क़रीब 4.39 करोड़ रूपये थी। कम पैसों में ज़मीन लेने के बाद ज्यादातर केस में मालिक को कैश में भुगतान किया गया। इस केस में 13 अगस्त को जांच एजेंसी 96 नये डॉक्यूमेंट भी पेश कर चुकी है। इसके अलावा बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ ईडी पहले ही आरोप पत्र दाख़िल कर चुकी है।