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कच्चे तेल की कीमतों में 32.5% की कमी के बावजूद बीजेपी की ईंधन लूट जारी- मल्लिकार्जुन खड़गे

 16 Sep 2024

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों पर भारी गिरावट आई है। इसके बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि कच्चे तेल की कीमतों में 32.5 फीसदी की कमी आई है, फिर भी बीजेपी की ईंधन लूट जारी है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हरायेंगे और मोदी प्रेरित मूल्य वृद्धि को अस्वीकार करेंगे।



पेट्रोल की कीमत 42.27 रुपए होनी चाहिए


कांग्रेस अध्यक्ष ने 2014 और 2024 के पेट्रोल-डीजल की कीमतों के अंतर को भी बताया। उन्होंने कहा कि 16 मई 2014 में जब कच्चा तेल प्रति बैरल 107.49 डॉलर था, तब पेट्रोल 71.51 रुपए और डीजल 57.28 रुपए मिलता था। लेकिन अब 16 सितंबर 2024 को जब कच्चा तेल प्रति बैरल 72.48 डॉलर है। लेकिन पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपए और डीजल की 87.62 रुपए है। खड़गे ने कहा कि सरकार को पेट्रोल की कीमत 42.27 रुपए और डीजल को 69 रूपए करना चाहिए। खड़गे ने मोदी पर आरोप लगाया कि कोई आश्चर्य नहीं, 10 साल और 100 दिनों में, मोदी सरकार ने ईंधन पर टैक्स लगाकर लोगों से 35 लाख करोड़ लूट लिए हैं।


दस साल में पेट्रोल की कीमत में 30% बढ़ोत्तरी हुई


वहीं, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सवाल किया कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद भारत में पेट्रोल की कीमतें कम क्यों नहीं हो रहीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि पिछले 10 साल में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 24 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन भारत में पेट्रोल की कीमत 30 प्रतिशत बढ़ गई है। भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आखिरी बार मार्च में आम चुनाव से पहले बदलाव किया गया था। ब्रायन ने आरोप लगाया कि तेल कंपनियों के अप्रत्याशित मुनाफे का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं दिया जा रहा।


छह महीने से नहीं हुआ कोई बदलाव

पिछले हफ्ते ही कच्चे तेल के भाव में भारी गिरावट देखने को मिली थी। जिससे लोगों को लगा कि पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी आएगी। लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। रिपोर्ट बताती है कि ब्रेंट क्रूड का भाव 2021 में 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया था और ऐसा दिसंबर 2021 के बाद पहली बार हुआ है, जब कच्चे तेल का भाव 70 डॉलर से भी कम हुआ है। भारत में डीजल और पेट्रोल के खुदरा दाम में लगभग 6 महीने से कोई बदलाव नहीं हुआ है। आम लोगों को आखिरी बार लोकसभा चुनाव से पहले 14 मार्च 2024 को राहत दी गई थी। उस समय डीजल और पेट्रोल के दाम में 2-2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी।