अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल होने के बाद से बीजेपी की तरफ़ से तीख़ी प्रतिक्रया आ रही है। महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपित औरत बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह ने उनके ऊपर लगे सभी आरोपों को कांग्रेस के साथ मिली-जुली साजिश करार दिया है। बृजभूषण ने कहा कि भगवान ने विनेश को दंडित किया इस वजह से उन्होंने ओलंपिक पदक जीतने का मौका गँवा दिया। इसपर बजरंग पुनिया का करारा जवाब आया है। पुनिया ने कहा कि बृजभूषण की बातों से लगता है कि वह विनेश की हार का जश्न मना रहे है। यह देश के प्रति बृजभूषण सिंह की मानसिकता को उजागर करता है। यह विनेश का पदक नहीं था। यह 140 करोड़ भारतीयों का पदक था। जिस तरह से विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में पदक से चूक गईं, वह राष्ट्रीय शोक का विषय था, लेकिन भाजपा के आईटी सेल ने उनका मजाक उड़ाने और उन्हें नीचा दिखाने के लिए अभियान चलाया हुआ था।
पुनिया ने सवाल किया कि जिन लोगों ने विनेश की अयोग्यता का जश्न मनाया, क्या वे देशभक्त हैं? हम बचपन से देश के लिए लड़ रहे हैं, और वे (बीजेपी) हमें देशभक्ति सिखाने की हिम्मत करते हैं। वे (बृजभूषण सिंह) लड़कियों से छेड़छाड़ करते है।
जब पूरा देश विनेश के मैडल से चूक जाने को लेकर हताश था, उस समय हरियाणा विधानसभा में विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विनेश का हौसला बढ़ाते हुए, उनके प्रदर्शन की तारीफ़ की थी। हुड्डा ने कहा था कि विनेश को निराश होने की कोई जरुरत नहीं है, उनकी हर लड़ाई में कांग्रेस उनके साथ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इच्छा जताई थी कि अगर विनेश चाहे तो पार्टी उनका राजनीति में स्वागत करने के लिए तैयार है। पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने विनेश को सम्मान देते हुए अक्टूबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में जुलाना विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार भी बनाया है। वहीं, बजरंग पुनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। दोनों पिछले साल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे थे।
बृजभूषण के ऊपर आरोप
बृजभूषण के ख़िलाफ दर्ज़ एफ़आईआर में कहा गया है कि जिस दिन महिला पहलवान ने एक प्रमुख चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने उसे अपने कमरे में बुलाया, उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध अपने बिस्तर पर बैठाया और उसकी सहमति के बिना उसे जबरदस्ती गले लगाया। इसमें कहा गया है कि इसके बाद भी वर्षों तक, वह यौन उत्पीड़न के निरंतर कृत्य और बार-बार गंदी हरकतें करते रहा। इसके अलावा भी कई अन्य महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, ग़लत तरीक़े से छूने और शारीरिक संपर्क बनाये जाने का आरोप लगाया है। इस तरह के यौन उत्पीड़न टूर्नामेंट के दौरान, वार्म-अप और यहाँ तक कि नई दिल्ली में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में भी किया गया। शिकायतकर्ताओं का कहना कहना है कि साँस जाँचने के बहाने उनकी छाती और नाभि को ग़लत तरीक़े से पकड़ा गया था। हालाँकि, बृजभूषण ने इन आरोपों को खारिज किया है।
पुलिस की चार्जशीट में भी आरोपों का जिक्र
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न को लेकर कैसरगंज से बीजेपी सांसद रहे बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और महिला पहलवानों का पीछा करने का आरोप लगाया गया था। दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा था कि आरोपी बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। तजाकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर सही ठहराया कि उन्होंने ऐसा एक पिता की तरह किया। इधर, बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किए जाने के एक साल से अधिक समय बाद जुलाई में कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस साल मई में दिल्ली की एक कोर्ट ने बृजभूषण के खिलाफ महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला करने और यौन उत्पीड़न के तहत आरोप तय किए थे।
बृजभूषण का पक्ष
समाचार न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बृजभूषण ने कहा, “क़रीब दो साल पहले, इन खिलाड़ियों ने 18 जनवरी को एक साज़िश शुरू की थी। जिस दिन यह सब शुरू हुआ, मैंने कहा था कि यह एक राजनीतिक साज़िश है। इसमें कांग्रेस शामिल थी, जिसमें दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा भी शामिल थे। पूरी पटकथा लिखी गई थी। यह खिलाड़ियों का आंदोलन नहीं था। और अब, क़रीब दो साल बाद यह साफ़ हो गया है कि कांग्रेस इस नाटक में शामिल थी।” उन्होंने ने कहा, “जब वे (पहलवान) विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो देश ने माना कि इसमें सच्चाई है और विपक्षी दल मेरे खिलाफ लामबंद हो गए। वे झूठ बोल रहे हैं। मामले में जिस घटना का जिक्र किया गया है, उस दिन मैं वहां नहीं था।”