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केंद्र सरकार का ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित करना संविधान का अपमान नहीं- दिल्ली हाईकोर्ट

 26 Jul 2024

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 25 जून को ‘संविधान हत्या’ दिवस घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को ख़ारिज कर दिया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया था, जिसको लेकर समीर मलिक नाम के एक व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका को ख़ारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि केंद्र सरकार का इस तरह का निर्णय न केवल संविधान का उल्लंघन है बल्कि अपमानजनक भी है, क्योंकि संविधान जो एक जीवित दस्तावेज है। उसके साथ ‘हत्या’ को नहीं जोड़ा जा सकता।


मामले पर सुनवाई करते हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किये गये नोटिफिकेशन को किसी भी सूरत में संविधान का अपमान नहीं माना जा सकता। केंद्र सरकार का ऐलान केवल सत्ता के गलत इस्तेमाल के खिलाफ था। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश तुषार राव की पीठ ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा 13 जुलाई को जारी नोटिफिकेशन अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा के खिलाफ नही था बल्कि केवल सत्ता के दुरुपयोग, संवैधानिक प्रावधानों के दुरुपयोग और ज्यादतियों के खिलाफ था।” कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि नेता हर समय लोकतंत्र की हत्या जैसे मुहावरों का इस्तेमाल करते हैं।


सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने की आलोचना

सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, “पिछले 10 सालों में इस सरकार ने हर दिन संविधान हत्या दिवस ही तो मनाया है। आपने देश के हर गरीब और वंचित तबके से हर पल उसका आत्म सम्मान छीना है। मध्य प्रदेश में आदिवासियों के अपमान, हाथरस में दलित बेटी के जबरिया अंतिम संस्कार जैसे मुद्दे गिनाए और पूछा कि क्या यह संविधान की हत्या नहीं हुई तो और क्या है? इस सरकार के मुंह से संविधान की बातें अच्छी नहीं लगती है।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था कि जिन्होंने बार-बार संविधान पर प्रहार किया है वे नकारात्मक सोच के साथ संविधान हत्या दिवस मना रहे है। उन्होंने कहा था कि जिन्होंने कभी संविधान को नहीं माना और संविधान लागू करने का विरोध किया वह लोग संविधान हत्या दिवस मनाने जा रहे हैं।

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था, “बीजेपी बताए कि वह अपने काले दिनों के लिए कौन-कौन सी तारीख को चुनेगी। 30 जनवरी को 'बापू हत्या दिवस' या फिर 'लोकतंत्र हत्या दिवस' के संयुक्त दिवस के रूप में मनाना चाहिए, क्योंकि इसी दिन चंडीगढ़ में भाजपा ने मेयर चुनाव में धांधली की थी।