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केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के हालातों को बदलने में विफ़ल रही है - उमर अब्दुल्ला

 26 Jul 2024

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीख़ा हमला किया। अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल जी-20 की मीटिंग केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में आयोजित की थी, ताकि दुनिया को जम्मू-कश्मीर की एक अलग तस्वीर दिखा पायें, और केंद्रशासित प्रदेश को लेकर बाहरी लोगों की सोच को बदल सकें, लेकिन केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के हालात बदलने में विफ़ल रही है। सवाल यह है कि आख़िर ऐसा क्या हुआ कि उमर अब्दुल्ला की तरफ़ से ऐसा बयान आया है। दरअसल, अमेरिका के विदेशी विभाग ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों और मौजूदा हालात को देखते हुए यात्रा न करने की सलाह दी है। अब्दुल्ला ने कहा कि अमेरिका के निर्देशों में ‘आतंकवादी हमलों’ और ‘हिंसक नागरिक अशांति’ का जिक्र किया गया है। जिस नये जम्मू-कश्मीर की बात पीएम मोदी करते हैं, उसके लिए इससे अच्छा उदाहरण कुछ और हो ही नहीं सकता है।


केंद्र सरकार के अलावा जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने दावा किया था कि जम्मू कश्मीर में जी-20 के कार्यक्रमों को रखने से दुनिया के लीडरों का केंद्र शासित प्रदेश के प्रति नज़रिया बदला है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है।



अमेरिका ने अपने नागरिकों को क्या कहा

अमेरिका ने अपने नागरिकों को कहा कि जम्मू-कश्मीर को छोड़कर लद्दाख़ में यात्रा करना सुरक्षित है। जम्मू-कश्मीर की सीमा पर भारत और पाकिस्तान के बीच छिटपुट हिंसक गतिविधि चल रही हैं। इसके अलावा मणिपुर की यात्रा करने के लिए भी मना किया गया है। मणिपुर के बारे में कहा गया है कि राज्य में हिंसा और आपराधिक गतिविधियां चल रही हैं। ऐसे में मणिपुर की यात्रा करना सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं है। अमेरिका ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के चलते पूरे भारत को दूसरे स्थान पर रखा है। यानी सुरक्षा के लिहाज़ से भारत में यात्रा करना ठीक नहीं माना गया है। भारत के कई राज्यों को चौथे स्थान पर रखा गया है, जिसमें जम्मू कश्मीर, भारत-पाकिस्तान सीमा, मणिपुर तथा मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्से शामिल हैं।


जम्मू-कश्मीर में अशांति और आतंकवादी गतिविधि को लेकर अब्दुल्ला

यह पहली बार नहीं है जब केंद्र शासित प्रदेश में अशांति और आतंकवाद को लेकर उमर अब्दुल्ला ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया। कुछ दिनों पहले अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा था कि जम्मू कश्मीर में शांति व्यवस्था भंग हो चुकी है, अब तो उन जगहों पर भी आतंकी हमले हो रहे हैं, जहाँ पहले कभी शांति हुआ करती थी। श्रीनगर, राजोरी और पुंछ के इलाक़े में लगातार आतंकी हमले हो रहे है। गौरतलब है कि बीजेपी को छोड़ उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती सहित जम्मू कश्मीर के तमाम नेता केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की तरफ़ से चुनाव को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया गया है। जबकि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाते वक्त कहा था कि वह प्रदेश में ज़ल्द ही चुनाव करायेगा, और प्रदेश को राज्य का दर्ज़ा फिर से वापिस मिल जायेगा।