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विदेश मामलों में हस्तक्षेप न करें राज्य सरकार, केंद्र ने दी केरल सरकार को चेतावनी

 26 Jul 2024

केंद्र सरकार ने केरल में विदेशी सहयोग सचिव की नियुक्ति को लेकर नाराजगी जताई है। विदेश और कूटनीति मामले में केरल सरकार के दखल को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि विदेश कूटनीति की सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने राज्यों को इस तरह की दखल न देने की सलाह देते हुए इसे संविधान विरोधी बताया है। केंद्र ने इस सलाह में न केवल केरल को बल्कि पश्चिम बंगाल सरकार को भी निशाने पर लिया है।


15 जुलाई को केरल सरकार ने एक आदेश जारी करके श्रम और कौशल विभाग के सचिव के.वासुकि को विदेश सहयोग से जुड़े मामलों का अतरिक्त प्रभार सौंपा था। इसी को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता राणधीर जायसवाल ने संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि विदेशी मामलों से जुड़े मामलों में एक मात्र विशेषाधिकार केंद्र सरकार का होता है। जायसवाल ने कहा, “भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची-1(संघ) के विषय 10 में स्पष्ट है कि विदेश मामलों और वे सभी मामले जो संघ को किसी अन्य देश के संबंध में लाते हैं उस पर सिर्फ केंद्र सरकार का अधिकार होता है।” यह कोई समवर्ती विषय नहीं हैं और निश्चित रूप से राज्य का विषय भी नहीं है। हमारा रुख यह है कि राज्य सरकारों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करनी चाहिए जो उनके संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से बाहर हों।

भाजपा के सांसद पी.पी चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में यह मुद्दा उठाया था और केरल सरकार की इस कार्रवाई को असंवैधानिक और केंद्र की शक्तियों का अतिक्रमण बताया था। उन्होंने सवाल किया था, “क्या केरल सरकार खुद को एक अलग राष्ट्र मान रही है?”

केरल के अलावा केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को भी चेतावनी दी थी कि शरणार्थियों के मुद्दे पर उनका कोई अधिकार नहीं है। दरअसल, केंद्र सरकार का यह बयान तब आया जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक रैली में कहा था कि अगर हिंसाग्रस्त बांग्लादेश में हिंसा नहीं रुकी, तो राज्य सरकार बांग्लादेश से भागकर आए लोगों को शरण देगी। ममता बनर्जी के इस बयान पर बांग्लादेश सरकार ने भी नाराजगी जतायी थी और कहा था कि ममता का यह बयान भड़काऊ और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है। बांग्लादेश सरकार ने कहा कि जब हालात सामान्य हो रहे हैं तो ममता के इस तरह के बयान से हालत बिगड़ सकते हैं।

बांग्लादेश के हालत पर विदेश प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि अब तक 6700 भारतीय छात्र वापस लौट आएं है। भारत सरकार बांग्लादेश की स्थिति पर नजर बनाए रखी है। सरकार का मानना है कि यह उनका आंतरिक मामला है। एक नजदीकी पड़ोसी होने के नाते हम वहाँ जल्द शांति की उम्मीद करते है।