आज आंतरराष्ट्रीय मजदूर दिन के अवसर पर जन संघर्ष मंच और गुजरात फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन के द्वारा मुकुल सिन्हा मेमोरियल सेमिनार का आयोजन किया था, सेमिनार का मुख्य विषय "Reclaming Democracy''(लोकशाही की पुनःप्राप्ति) था। कार्यक्रम में राज्य में चल रहे अलग अलग मूवमेंट के साथियो को सन्मान(प्रोत्साहन) देने का भी आयोजन किया गया था जिसके तहत दलितों की अस्मिता, समानता, सन्मान एवम आर्थिक आज़दीकि लड़ाई के प्रतीक केरूप में "ऊना दलित अत्याचार लड़ समिति" (जिसका बाद में "राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच" नामकरण हुआ ) द्वारा अहमदाबाद से उना तक हुई "दलित अस्मिता यात्रा" (ऊना यात्रा) को "Movement Of The Year 2016-17"(मूवमेंट ऑफ द ईयर 2016-17) अवार्ड से सन्मानित कर संघर्ष को बहोत बहोत बल प्रदान किया। इस अवार्ड को राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के कन्वीनर जिग्नेश मेवानी ने संघर्ष के साथी जयेश सोलंकी, भूपत सोलंकी, सुबोध परमार, राकेश महेरिया, कल्पेश सोलंकी, अश्विन वाघेला, भरत शाह, उमेश परमार, यश मकवाना, अरुन परीख, शमशाद पठान, प्रवीण मिश्रा के साथ सभी यात्रा के साथी की और से स्वीकार किया। जिग्नेश मेवानी के अनुसार यह अवार्ड न केवल राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच को बल प्रदान करेंगा बलकि देश में चलने वाले सभी आंदोलनों को प्रेरणा प्रदान करेंगा।