दुनिया के 113 देशों में अब तक नहीं बनी कोई महिला राष्ट्राध्यक्ष: UN Women की रिपोर्ट

24 जून को ‘कूटनीति में महिलाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन वूमन) ने 2024 में महिला राजनीतिक नेतृत्व पर वैश्विक डेटा जारी किया है। इस रिपोर्ट से एक सख्त सच्चाई सामने आई है, दुनिया भर में निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी अब भी बेहद सीमित है। यूएन वूमन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, आज भी 113 देशों में कोई भी महिला कभी भी राज्य या सरकार की प्रमुख नहीं बनी है, और वर्तमान में केवल 26 देशों की कमान महिलाओं के हाथ में है। 1 जनवरी 2024 तक दुनिया भर में केवल 23% मंत्री पदों पर ही महिलाएं आसीन हैं, जबकि 141 देशों में मंत्रिमंडलों में महिलाओं की हिस्सेदारी एक-तिहाई से भी कम है। चिंताजनक बात यह है कि 7 देशों में कैबिनेट स्तर पर एक भी महिला नहीं है।


केवल राजनीतिक नेतृत्व ही नहीं, विदेश नीति और कूटनीति जैसे क्षेत्रों में भी पुरुषों का वर्चस्व कायम है। संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशनों में मई 2024 तक न्यूयॉर्क में 25%, जिनेवा में 35% और वियना में केवल 33.5% पदों पर ही महिलाएं स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर कार्यरत थीं। "जब महिलाएं नेतृत्व करती हैं, तो दुनिया बेहतर बनती है" 

यूएन वूमन की कार्यकारी निदेशक सिमा बहौस ने कहा, “हमारा कार्य इस विश्वास से प्रेरित है कि जब महिलाएं नेतृत्व करती हैं, तो दुनिया सभी लोगों और ग्रह के लिए बेहतर होती है। 2024 में कई देशों में चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में अब समय आ गया है कि महिलाओं को सत्ता के सर्वोच्च स्थानों पर प्राथमिकता दी जाए। शासन और नीति-निर्माण में महिलाओं की समान भागीदारी ही सतत विकास और समावेशी समाज की कुंजी है।”

महिलाओं का सत्ता के उच्च पदों पर पहुँचना राजनीतिक इच्छाशक्ति और नीति स्तर पर प्रतिबद्धता का संकेत है। यह न केवल लैंगिक समानता को आगे बढ़ाता है, बल्कि वैश्विक चुनौतियों का हल खोजने में भी मददगार सिद्ध होता है। यूएन वूमन का यह प्रयास विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि दुनिया बीजिंग घोषणा और कार्रवाई कार्यक्रम की 30वीं वर्षगांठ की तैयारी कर रही है—जो महिलाओं के अधिकारों और समानता के लिए अब तक का सबसे प्रगतिशील वैश्विक खाका माना जाता है।

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