ब्रिटेन के डीलर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में रॉबर्ट वाड्रा को ईडी ने दूसरी बार समन भेजा।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को एक बार फिर समन जारी करते हुए 17 जून को पूछताछ के लिए तलब किया है। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है और इसमें ब्रिटेन में बसे कुख्यात हथियार डीलर संजय भंडारी का नाम प्रमुखता से सामने आया है। ईडी का दावा है कि वाड्रा का इस केस से गहरा संबंध है, और जांच एजेंसी उनके लिंक को विस्तार से खंगालना चाहती है। यह मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है, और इसे लेकर जांच तेज हो गई है। इससे पहले 10 जून को भी ईडी ने वाड्रा को पूछताछ के लिए समन भेजा था। हालांकि, वाड्रा ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला देकर उपस्थित होने से इनकार कर दिया था। उन्होंने बताया था कि उन्हें बुखार और कोरोना के लक्षण महसूस हो रहे हैं। उनके वकील ने सार्वजनिक रूप से कहा कि रॉबर्ट वाड्रा जांच में सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और विदेश यात्रा से पहले या उसके बाद किसी भी समय ईडी के सामने पेश होंगे। 


एजेंसी का मानना है कि वाड्रा से पूछताछ के बाद ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जा सकती है। ईडी का यह मामला संजय भंडारी द्वारा 2009 में खरीदी गई लंदन स्थित 12 ब्रायनस्टन स्क्वेयर संपत्ति से संबंधित है। एजेंसी का दावा है कि इस संपत्ति का रिनोवेशन वाड्रा के निर्देश पर हुआ था और इसके लिए फंड की व्यवस्था भी उन्हीं की ओर से की गई थी। हालांकि, रॉबर्ट वाड्रा ने इस संपत्ति पर अपने किसी भी प्रकार के मालिकाना हक से इनकार किया है। उनका कहना है कि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और उन्हें जानबूझकर इसमें फंसाया जा रहा है। संजय भंडारी के खिलाफ यह मामला तब उजागर हुआ जब 2016 में आयकर विभाग ने उनके ठिकानों पर छापा मारा। इसके तुरंत बाद भंडारी देश छोड़कर भाग गया और ब्रिटेन में शरण ले ली। भारत ने उनके प्रत्यर्पण के लिए प्रयास किया, लेकिन ब्रिटिश अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया। 

ईडी ने 2023 में भंडारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आरोप लगाया गया कि भंडारी ने संपत्ति खरीदने और रिनोवेशन के लिए फंड वाड्रा के माध्यम से जुटाया था। यह पहली बार नहीं है जब वाड्रा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसे हैं। अप्रैल में भी हरियाणा की एक विवादित भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनसे तीन दिनों तक पूछताछ की गई थी। फिलहाल, उनके खिलाफ ऐसे तीन मामलों में जांच जारी है। ईडी का कहना है कि वाड्रा का नाम इन मामलों में बार-बार आना महज संयोग नहीं है। जांच एजेंसी ने उनके लंदन में कई संपत्तियों, विदेशी खातों, और संदिग्ध लेन-देन की भी जांच शुरू कर दी है। वाड्रा ने हालांकि इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से फंसाया जा रहा है। उनका दावा है कि उनके खिलाफ ये कार्रवाई आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है। इस बीच, कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को सत्ताधारी दल की साजिश बताया है। 

पार्टी ने इसे विपक्ष के नेताओं को दबाने की कोशिश करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा है कि ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियां सरकार के हाथों की कठपुतली बन गई हैं और उनका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जांच एजेंसियां निष्पक्ष तरीके से अपना काम कर रही हैं और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।

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