
ईडी की गिरफ्त में पाकिस्तानी, फर्जी दस्तावेजों के सहारे खड़ा किया भारत-बांग्लादेश के बीच हवाला नेटवर्क
पाकिस्तानी नागरिक आजाद हुसैन, जो पश्चिम बंगाल में फर्जी पहचान के साथ ‘अजाद मल्लिक’ के नाम से रह रहा था, ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे एक संगठित आपराधिक नेटवर्क तैयार कर लिया था। उसने खुद को बांग्लादेश का नागरिक बताकर भारतीय पहचान पत्र बनवाए और एक व्यापक हवाला नेटवर्क का संचालन शुरू किया। यह नेटवर्क भारत और बांग्लादेश के बीच अवैध धन प्रेषण की सुविधा प्रदान करता था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस पूरे मामले में 13 जून को कोलकाता में पीएमएलए विशेष न्यायालय में अभियोजन शिकायत दर्ज की। अदालत ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए आरोपी को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई की तारीख निर्धारित की है।
ईडी ने अपनी जांच की शुरुआत पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की, जिसमें विदेशी अधिनियम, 1946 के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए थे।
15 अप्रैल को ईडी की तलाशी में यह बात सामने आई कि आजाद मल्लिक उर्फ अहमद हुसैन आजाद वास्तव में पाकिस्तान का नागरिक है। जांच के दौरान उसके पास से 1994 का एक पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस मिला, जिस पर उसका असली नाम और पाकिस्तान का स्थायी पता दर्ज था। दस्तावेज में उसकी जन्मतिथि 14 अगस्त 1971 दर्ज थी और यह हैदराबाद, पाकिस्तान में लाइसेंसिंग अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया था।
मल्लिक ने अपनी पहचान छुपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया और आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे कई भारतीय पहचान पत्र बनवा लिए। इसके साथ ही उसने नकली दस्तावेजों की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट और वीजा दिलाने का गोरखधंधा शुरू कर दिया।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि मल्लिक ने भारत और बांग्लादेश के बीच अवैध रूप से धन प्रेषण का हवाला नेटवर्क तैयार किया था। वह नकद और यूपीआई भुगतान के जरिए धन एकत्र करता और बीकेश जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग कर बांग्लादेश में राशि स्थानांतरित करता। इसके अलावा, उसने दुबई, कंबोडिया और मलेशिया जैसे देशों की यात्रा के इच्छुक बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी पासपोर्ट और वीजा तैयार करवाए।
मल्लिक ने इन सेवाओं के लिए भुगतान बांग्लादेशी टका, अमेरिकी डॉलर और भारतीय रुपये में स्वीकार किए। उसने यह धनराशि अपने बैंक खातों में जमा की और धोखाधड़ी वाले वीजा या पासपोर्ट प्रसंस्करण में शामिल सहयोगियों के खातों में स्थानांतरित कर दी।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि मल्लिक ने कोलकाता में विदेशी मुद्रा विनिमय केंद्रों (एफएफएमसी) में भारी नकदी जमा करवाई। इसे वैध विदेशी मुद्रा बिक्री के रूप में दिखाया गया, जबकि यह अपराध की आय (पीओसी) थी।
यह पूरा नेटवर्क केवल नकली भारतीय पहचान पत्र बनाने तक सीमित नहीं था। इसमें भारत और बांग्लादेश के बीच अपराध की आय को वैध रूप देने, अवैध धन हस्तांतरण, और दस्तावेज जालसाजी जैसे गंभीर अपराध शामिल थे। मल्लिक ने बांग्लादेशी नागरिकों को भारत के विभिन्न हिस्सों से फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराकर पासपोर्ट दिलाने में सहायता की।
ईडी की जांच से स्पष्ट हुआ कि मल्लिक की गतिविधियां न केवल भारतीय सुरक्षा के लिए खतरा थीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर अवैध धन हस्तांतरण और दस्तावेज जालसाजी के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो रही थीं। वर्तमान में मल्लिक न्यायिक हिरासत में है और इस मामले में ईडी की जांच जारी है।
For all the political updates download our Molitics App :
Click here to Download