
JNU में बड़ा बदलाव, अब 'कुलपति' नहीं, 'कुलगुरु' कहलाएंगे वाइस चांसलर
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से एक अहम बदलाव की खबर सामने आई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब वाइस चांसलर के हिंदी अनुवाद 'कुलपति' को बदलकर 'कुलगुरु' करने का फैसला लिया है। इस निर्णय का उद्देश्य पदनाम को जेंडर न्यूट्रल बनाना है, ताकि यह लैंगिक पहचान से परे सभी के लिए समान रूप से उपयुक्त हो। इस परिवर्तन की सिफारिश जेएनयू की वर्तमान कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने की थी, जिसे विश्वविद्यालय की वर्किंग काउंसिल की बैठक में मंजूरी दी गई।
अब से विश्वविद्यालय द्वारा जारी होने वाले डिग्री प्रमाणपत्रों और अन्य शैक्षणिक दस्तावेजों में 'कुलपति' के स्थान पर 'कुलगुरु' शब्द का प्रयोग किया जाएगा। यह बदलाव न केवल भाषा में समावेशिता को बढ़ावा देता है, बल्कि शैक्षणिक पदों को आधुनिक सामाजिक संदर्भों के अनुरूप ढालने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस बीच, जेएनयू में शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए स्नातकोत्तर (पीजी) और एडवांस डिप्लोमा ऑफ प्रोफिशिएंसी (एडीओपी) कार्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया भी जारी है। 23 मई को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, वे अभ्यर्थी जिन्होंने सीयूईटी (पीजी) 2025 परीक्षा में हिस्सा लिया था और पात्र हैं, वे 16 जून 2025 की रात 11:50 बजे तक ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन में सुधार की सुविधा 17 से 18 जून के बीच उपलब्ध रहेगी।
प्रवेश से जुड़ी प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध रखने के लिए विश्वविद्यालय ने मेरिट लिस्ट जारी करने की भी तिथियां तय की हैं। पहली सूची 27 जून को जारी की जाएगी, इसके बाद दूसरी सूची 5 जुलाई और तीसरी सूची 14 जुलाई को आएगी। प्रवेश और पंजीकरण की अंतिम तिथि 14 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है।
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