
वक्फ कानून पर ओवैसी का बड़ा आरोप, RSS की लिस्ट से छीनी जा सकती है मुसलमानों की ज़मीन
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को मुस्लिम समुदाय की ज़मीनों पर "सुनियोजित हमले" की साजिश करार देते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने यह बयान गुरुवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा आयोजित महिलाओं के विरोध प्रदर्शन में दिया। ओवैसी ने आरोप लगाया कि इस संशोधित कानून के माध्यम से सरकार वक्फ संपत्तियों को छीनने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, "RSS के पास एक लिस्ट है। यह लिस्ट कलेक्टर को दे दी जाएगी और सिर्फ एक जांच का आदेश ही हमारी ज़मीनें छीन लेने के लिए काफी होगा।"
AIMIM प्रमुख ने इस कानून को "काला कानून" बताते हुए कहा कि यह केवल संपत्तियों की सुरक्षा नहीं करता, बल्कि मुसलमानों की संपत्ति को छीनने का रास्ता साफ करता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि संसद के सामने की मस्जिद को भी अब वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा, बल्कि उसे सरकार की संपत्ति घोषित किया जाएगा।
असदुद्दीन ओवैसी, "अगर कोई मुसलमान आदिवासी है, तो वो अपनी ज़मीन वक्फ नहीं कर सकता। ये कैसा भेदभाव है?" ओवैसी का कहना था कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत की मानसिकता से बनाया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर इतनी जल्दबाज़ी क्यों दिखा रही है।
ओवैसी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि AIMIM और मुस्लिम समुदाय इस कानून का विरोध तब तक करते रहेंगे जब तक सरकार इसे पूरी तरह से वापस नहीं लेती। उन्होंने कहा,
"हम पीछे नहीं हटेंगे। जब तक ये काला कानून वापस नहीं होता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।" ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि एक महीना बीत चुका है, लेकिन हमलावर अब भी पकड़े नहीं गए। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि उन चार दहशतगर्दों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, जिन्होंने मासूमों की जान ली और हमारी बहनों को बेवा बना दिया।
हैदराबाद में हुए इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं ने भाग लिया। सभी ने वक्फ संशोधन अधिनियम को मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक और धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला बताया।
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