अमृतपाल सिंह की पार्टी का होगा कौन लीडर? पिता ने खोला खालिस्तानी पार्टी का पूरा एजेंडा!

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने आगामी 14 जनवरी को उसकी नई पार्टी का ऐलान करने का निर्णय लिया है। यह घोषणा पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में आयोजित माघ मेले के दौरान की जाएगी, जहां अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह और उनके तमाम समर्थक भी मौजूद रहेंगे। तरसेम सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पार्टी पंजाब में धर्मांतरण को रोकने, नशे की महामारी पर काबू पाने, सिख बंदियों की रिहाई और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी। उनका कहना है कि यह पार्टी पंजाब की समाजिक और धार्मिक समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध होगी।


 शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में तरसेम सिंह ने यह आरोप भी लगाया कि उनकी पार्टी के नेता अमृतपाल सिंह को रासुका के तहत जेल में बंद किया गया है, और उन पर फर्जी आरोप लगाए गए हैं। तरसेम सिंह ने यह भी कहा कि फिलहाल पार्टी की नेतृत्व की जिम्मेदारी वे स्वयं संभालेंगे। हालांकि, जब अमृतपाल सिंह जेल से बाहर आएंगे, तब वह स्वयं निर्णय लेंगे कि वह पार्टी का नेतृत्व करेंगे या फिर किसी और को नेतृत्व का मौका देंगे। तरसेम सिंह ने इस बात की भी जानकारी दी कि श्री मुक्तसर साहिब में आयोजित माघ मेले के दौरान पार्टी की लॉन्चिंग की जाएगी। इसके साथ ही पार्टी के संविधान को तैयार करने के लिए एक वर्किंग कमेटी का गठन किया जाएगा, जो पार्टी के नाम और संविधान को अंतिम रूप देगी। 

तरसेम ने कहा कि अमृतपाल सिंह ने उनसे मुलाकात के दौरान यह स्पष्ट किया कि वह जेल में रहते हुए पार्टी के गठन पर विचार नहीं कर सकते, लेकिन संतों और सिख समाज के मार्गदर्शन के अनुसार ही पार्टी की नींव रखी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि अमृतपाल सिंह के जेल से बाहर आने की तिथि के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि उन्हें जबरन जेल में रखा गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जेल से बाहर आने के बाद अमृतपाल सिंह पार्टी की दिशा और नेतृत्व के बारे में निर्णय लेंगे। तरसेम सिंह ने यह भी कहा कि पार्टी का नाम और एजेंडा सिख संगत के मार्गदर्शन में तय किया जाएगा, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पार्टी का हर कदम पंजाब के हित में हो। इसके अलावा, तरसेम सिंह ने बताया कि अमृतपाल सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में खदूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जबकि वह खुद जेल में थे।

 इस दौरान अमृतपाल के परिजन और समर्थक प्रचार में शामिल हुए थे और उनकी जीत में अहम भूमिका निभाई थी। अमृतपाल सिंह के खिलाफ 23 फरवरी, 2023 को अजनाला पुलिस थाने में उपद्रव करने और एक व्यक्ति को थाने से छुड़ाने का मामला दर्ज किया गया था। इस दौरान अमृतपाल और उसके समर्थक हथियारों से लैस थे, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया। अब जब अमृतपाल सिंह की नई पार्टी के गठन की प्रक्रिया शुरू हो रही है, तो यह देखना होगा कि उनका राजनीतिक कदम पंजाब के सामाजिक और धार्मिक माहौल पर क्या असर डालता है।

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